बेंगलुरु,आयकर विभाग ने बुधवार सबेरे बेंगलुरु के झगलटन रिसॉर्ट पर छापामार कार्यवाही की है। यह वही रिसॉर्ट है,जहाँ पर कांग्रेस ने गुजरात के चालीस से अधिक विधायकों को ठहराया हुआ है। आयकर विभाग ने कर्नाटक के ऊर्जा मंत्री डी शिवकुमार के घर पर भी छपा मारा है। वह इन विधायकों के रिसोर्ट में रहने का खर्च उठा रहे है। छापे की कार्यवाही आज सबेरे सात बजे शुरू हुई जो अभी जारी है। काबिलेगौर है गुजरात में तीन सीटों के लिए राज्यसभा के चुनाव हो रहे हैं जिसके लिए 8 अगस्त को वोट डाले जायेंगे।
उसके पहले कांग्रेस विधयकों के बीच पार्टी छोड़ने और भाजपा के साथ जाने का सिलसिला शुरू हो गया था। कांग्रेस उच्च सत्ता ने गुजरात में उसके विधायकों को 15 करोड़ तक का प्रलोभन देकर तोड़ने का आरोप लगाया था। जिसके बाद उसके विधायकों को हवाई जहाज से बेंगलुरु ले जाया गया था। अब कांग्रेस ने आज डाले गए छापे को उसके विधायकों को डराने की कोशिश करार दिया है। उसने कहा की पहले नोट फिर नोटा और अब छपा ये सब भाजपा की बौखलाहट नहीं तो और क्या है। आयकर विभाग की इस छापेमारी की वजह अब तक सामने नहीं आई है। कुछ दिन पहले बेंगलूरु के इगलटन रिसॉर्ट पर कर्नाटक सरकार ने करीब 900 करोड़ रुपए की पेनाल्टी लगाई थी, लेकिन यह मामला उससे अलग बताया जा रहा है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम ने छापेमारी को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा भाजपा सरकार, आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल कर विपक्ष को परेशान कर रही है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और मैं इसकी निंदा करता हूं। बता दें कि आठ अगस्त को होने वाले राज्यसभा चुनाव से पहले गुजरात कांग्रेस के विधायकों को टूट से बचाने के लिए 42 विधायकों को अब भी बेंगलुरू के रिसॉर्ट में रखा गया हैं। इन विधायकों को आज कर्नाटक विधानसभा ले जाया जा सकता है, जहां ये विधायक गांधी प्रतिमा पर श्रद्धांजलि देंगे। बता दें कि गुजरात कांग्रेस के 57 विधायकों में से छह विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है।
ऐसे में बाकी विधायकों को पार्टी छोड़ने से रोकने के लिए कांग्रेस ने अपने 42 विधायकों को बेंगलूरु के एक रिसॉर्ट भेज दिया है। उसी रिसॉर्ट पर आज आयकर विभाग ने छापा मारा है। विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस को चिंता सता रही है कि गुजरात के बड़े कांग्रेसी नेता और राज्यसभा सांसद अहमद पटेल को किस तरह एक बार फिर राज्यसभा भेजा जाए। कांग्रेस के पास अब भी 51 विधायक हैं, लेकिन कांग्रेस को ही भरोसा नहीं है कि इन 51 में से कितने विधायक उसके साथ हैं। कांग्रेस के भरत सिंह सोलंकी तो कह रहे हैं कि सिर्फ 44 विधायक उनके साथ हैं। सोलंकी के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि कांग्रेस के कुछ और विधायक पार्टी का दामन छोड़ सकते हैं।