याम्हा शोरूम में समझौता करने पहुंचे आरोपी,धराए

जबलपुर, इंटेलिजेंंस ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी बनकर याम्हा शोरूम के संंचालक का ९७ लाख की चपत देने वाले जालसाज पुलिस के जाल में फंसने के बजाये खुद अपने ही जाल में फंस गये। सुबह अखबारों में खबर पढ़ने के बाद जालसाल शोरूम संचालक से समझौता करने पहुंचे थे। संचालक करण सिहं कोहली ने उन्हें बातों में उलझाकर रखा और ओमती पुलिस को खबर दे दी। पुलिस ने तत्काल शोरूम पहुंचकर आरोपियों को हिरासत में ले लिया।

पुलिस आरोपियों से पूछताछ करने में लगी हुई है ताकि और वारदातों का खुलासा हो सके। अब पुलिस अरोपियों से मिली जानकारी के बाद 97 लाख के 135 दोपहिया वाहन वरामद करने की कवायद में जुट गई है। ओमती थाना प्रभारी अरविन्द चौबे ने बताया कि 7 महीने पहले जनवरी माह में तीन ठग भंवरताल स्थित तिलकराज मोटर नाम के याम्हा शोरूम में कथित आईबी अफसर बनकर पहुुंचे सिवनी निवासी दिनेश कुमार, शक्ति सिंह और हरिचरण भारद्वाज पहुंचे थे और इन्होेंने ने 1200 दोपहिया वाहन खरीदने का झांसा दिया था और ४ माह में शोरूम से विभिन्न लोगों के नाम से 135 दोपहिया वाहन उठाये और फर्जी चैक देकर चले गये। बैंक से तीन मरतबा चैक बाउंस होने के बाद शोरूम संचालक को फर्जीवाड़े की आशंका हुई और उसने ओमती थाने में एफआईआर दर्ज कराई। एफआईआर होते ही आरोपी हड़बड़ गये और अखबारों में समाचार छपने के बाद शोरूम संचालक से समझौता करने वहुंचे। उन्होंने शोरूम संचालक करण सिंह कोहली से समझौता करने का प्रस्ताव रखा। इसी दौरान दोनों फिर पूरी प्लानिंग के साथ शोरूम पहुंचे और आईबी का हवाला देकर पेमेंट रोक देने की बात कही। लेकिन इस बार उनका झांसा काम नहीं आया और सूचना मिलते ही पुलिस शोरूम पहुंच गई और आरोपियों को हिरासत में ले लिया। बताया गया है कि पूरे फर्जीवाड़े का मास्टर माइंड शक्ति सिंह है, पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। बताया जाता है कि इस धोखाधड़ी में और भी लोग शामिल हैं जो दूसरे राज्यों में सस्ते दामों पर मोपेड और बाईक बेचने का काम करते हैं। पुलिस आरोपियों से मिली जानकारी के आधार पर उनके फरार साथियों की तलाश कर रही है वहीं कहां-कहां वाहन बेचे और कहां-कहां वाहन रखे हैं..? उनकी जप्ती के प्रयास कर रही है।

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