भोपाल, देशभर के सभी वैक्सीन स्टोर्स को ‘इलेक्ट्रानिक वैक्सीन इंटेलीजेंस नेटवर्क’ से जोड़ा गया है। इस नेटवर्क में स्टोर के मैनेजमेंट से जुड़े कर्मचारियों व अधिकारियों को जोड़ा गया है। अब सरकारी अस्पतालों के वैक्सीन स्टोर में रखे फ्रीजर्स का टेंप्रेचर बढ़ा तो अधिकारी-कर्मचारियों के पास एसएमएस पहुंच जाएगा और वैक्सीन को खराब होने से बचा लिया जाएगा। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अफसर भी देशभर के वैक्सीन स्टोर की निगरानी कर रहे हैं। करीब छह महीने ट्रायल के बाद अब यह व्यवस्था पूरी तरह से लागू कर दी गई है।
देश भर से शिकायत मिल रही थी कि कई अस्पतालों में बिजली गुल होने पर फ्रिज का टेंप्रेचर बढ़ जाता है। ऐसे में वैक्सीन खराब होने का डर रहता है। कई बार यह भी पता भी नहीं चलता कि बिजली गुल होने से टेंप्रेचर तय स्टैंडर्ड से ऊपर पहुंच गया है। हालांकि, पोलियो समेत कुछ वैक्सीन के वायल में यह सिस्टम रहता है कि कोल्ड चेन टूटने पर यानी तापमान एक सीमा से ज्यादा होने पर वायल के ऊपर का रंग बदल जाता है। लिहाजा अब ऐसी व्यवस्था की गई है कि किसी भी वजह से फ्रिज का तापमान बढ़ता है तो स्टोर से जुड़े कर्मचारियों के पास एसएमएस आ जाएगा। जिससे जल्द ही सुधार कर लिया जाता है। स्टेट इम्युनाइजेशन ऑफीसर डॉ. संतोष शुक्ला ने बताया कि प्रदेश के अलावा केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी देश के किसी भी वैक्सीन स्टोर में रखे किसी भी फ्रिज का टेंप्रेचर देख सकते हैं। उन्होंने बताया कि आमतौर पर बिजली गुल होने की शिकायत अब नहीं आती, क्योंकि हर अस्पताल में जनरेटर की व्यवस्था की गई है।