मुंबई इमारत हादसा, बिल्डर सुनील सीतप पुलिस हिरासत में, मृतकों की संख्या 14 से बढ़कर हुई 17

मुंबई, मंगलवार सुबह मुंबई के घाटकोपर इलाके में हुए इमारत हादसे में मरने वालों की संख्या 17 हो गई है. वहीं पार्क साईट पुलिस ने बिल्डर व शिवसेना पदाधिकारी सुनील सीतप के खिलाफ मामला दर्ज कर मंगलवार देर रात उन्हें गिरफ्तार कर बुधवार को विक्रोली कोर्ट में पेश किया जहां कोर्ट ने उन्हें 2 अगस्त तक पुलिस हिरासत में रखने का आदेश दिया है. बता दें कि घाटकोपर के एलबीएस मार्ग पर दामोदर पार्क के पास 37 साल पुरानी साईं दर्शन नाम की चार मंजिला इमारत मंगलवार सुबह करीब पौने 11 बजे अचानक धराशाई हो गई थी. इस हादसे में अबतक १७ लोगों की मौत हो चुकी है और २८ लोग घायल हुए हैं. मृतकों में 11 महिला एवं 6 पुरुष जिसमें 3 माह का एक मासूम बच्चा का समावेश है. राहत व बचाव कार्य के दौरान फायर ब्रिगेड के दो जवानों के भी घायल होने की खबर है. जब पुलिस ने सुनील सीतप को कोर्ट में पेश किया तब उस वक़्त किसी विरोध से निपटने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था. दरअसल सीतप का बिल्डिंग के तल मंजिल पर `सीतप नर्सिंग होम’ भी था, जिसमें काफी समय से मरम्मत का कार्य चल रहा था. सुनील सीतप पर आरोप है कि वह बिना अनुमति के नर्सिंग होम में स्ट्रक्चर के साथ छेड़छाड़ कर वहां सुशोभीकरण का काम करवा रहे थे जिस वजह से यह इमारत गिरी और 17 लोग दफन हो गए. ‘साई दर्शन’ नाम की ये इमारत 1980 में बनी थी. तल मंजिल के साथ बिल्डिंग में चार फ्लोर बने थे. हर फ्लोर पर 4 फ्लैट थे. ये बिल्डिंग सुनील सीतप नाम के शिवसेना नेता की थी जो तल मंजिल पर नर्सिंग होम चला रहे थे. लोगों के मुताबिक इमारत में कुछ बदलाव किए जा रहे थे और एक पिलर भी हटाया गया था. ये काम पिछले दो महीनों से चल रहा था.
– मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख मुआवजा- मुख्यमंत्री
मंगलवार देर रात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घटनास्थल का दौरा किया और वहां राहत और बचाव कार्य का जायजा लिया. मुख्यमंत्री फडणवीस ने मामले की जांच का आदेश दिया है और मनपा आयुक्त अजय मेहता से 15 दिनों के अंदर रिपोर्ट सौंपने को कहा है. वहीं बुधवार को महाराष्ट्र विधान मंडल में इमारत हादसे पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए, अपंग होने वाले को एक लाख रुपए मुआवजा दिया जाएगा.
– 15 घंटे बाद मलबे से सुरक्षित निकले राजेश दोशी
इस इमारत में रहने वाले राजेश दोशी को आखिरकार राहत व बचाव दल ने मंगलवार शाम 7:30 बजे मलबे से सकुशल बाहर निकाल लिया. बता दें कि जिस वक्त यह हादसा हुआ उस वक्त उनकी पत्नी रीटा दोशी अपने बेटे दर्शन दोशी के साथ मंदिर गई थी. हादसे के बाद दोनों मां-बेटा घटनास्थल पर राजेश दोशी का इंतजार कर रहे थे. इस बीच शाम 5 बजकर 10 मिनट पर अचानक 26 वर्षीय दर्शन दोषी के मोबाइल फोन पर उनके पिता का नंबर फ्लैश हुआ. पिता राजेश ने बेटे को फोन कर कहा, ‘मैं सांस तो ले पा रहा हूं लेकिन मलबे के नीचे अपने पांव निकाल नहीं पा रहा.’ पिता की आवाज सुनते ही उन्होंने अपनी मां को फोन दे दिया. रीता को दूसरी तरफ से फोन पर सुनाई दिया, ‘एक दीवार मेरे पैरों पर गिर गई है, जिसमें मैं फंस गया हूं. मैं सांस तो ले पा रहा हूं, लेकिन निकल नहीं पा रहा.’ राजेश ने रीता और दर्शन से कहा, ‘लोगों से कहो कि मुझे बाहर निकालें, मेरी मदद करें.’ राजेश ने पूरी डीटेल दी कि वह कहां फंसे हुए हैं. गनीमत थी कि राजेश का फोन चल रहा था और उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा था, इसी वजह से वह अपने परिवार से संपर्क कर पा रहे थे. उन्होंने पत्नी रीता से 3 बार बात की. फोन पर संपर्क होने के बाद राहत व बचाव दल ने करीब 7:30 बजे शाम को बाहर निकालने में कामयाब हुई.

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