आयकर विभाग ने मीसा भारती को समन जारी किए,12 जून को पेश होना होगा

पटना ,बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के बुरे दिन शुरु हो गए है।बिहार में भाजपा के प्रदेशअध्यक्ष सुशील मोदी लालू के परिवार से जुड़े भष्ट्राचार उजागर कर रहे है। तो मंगलवार को आयकर विभाग ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी और सांसद मीसा भारती को एक हजार करोड़ रूपए के कथित बेनामी भूमि सौदों और कर चोरी मामले की जांच के तहत ताजा समन जारी किए हैं। भारती को आज जांच अधिकारी के समक्ष पेश होना था लेकिन अधिकारियों का कहना है कि वह पेश नहीं हो पाईं। अब उन्हें 12 जून को जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है। ऐसा माना जाता है कि राज्यसभा की सांसद भारती के वकील जांच अधिकारी के समक्ष जाना चाहते थे लेकिन समनों में कहा गया कि भारती को निजी तौर पर पेश होना होगा। विभाग ने इसी मामले में सोमवार को भारती के पति शैलेश कुमार को तलब किया हुआ है। विभाग इस मामले में जांच को आगे बढ़ाने के लिए दंपति से पूछताछ करना चाहता है। इस मामले में अधिकारियों ने पिछले माह कई तलाशियां ली थीं। प्रवर्तन निदेशालय ने 22 मई को कथित तौर पर भारती से संबंधित राजेश कुमार अग्रवाल नामक एक सीए और अन्य को गिरफ्तार किया था।
ऐसा आरोप है कि अग्रवाल ने लालू के कई परिजनों की अवैध लेनदेन में मदद की। अधिकारियों ने कहा था कि भारत और कुमार को भेजे गए समन मामले की जांच का हिस्सा हैं और उनके बयान दर्ज किए जाएंगे। इस दंपति का मेसर्स मिशाइल पैकर्स एंड प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड से संबंध बताया जाता है। यह कंपनी दिल्ली के बिजवासन इलाके में एक फार्महाउस खरीदने के लिए बेनामी सौदे करने के संदेह के दायरे में है। उन्होंने कहा था कि कुछ अन्य संपत्ति सौदे भी आयकर अधिकारियों की जांच के दायरे में हैं। आयकर अधिकारियों ने कहा था कि वे इस मामले में पिछले एक नवंबर से लागू हुए बेनामी हस्तांतरण कानून, 1988 के प्रावधानों को लागू करेंगे। यह कानून अधिकतम सात साल की जेल और जुर्माना लगाता है।
इस नए कानून के तहत की जाने वाली कार्रवाई आयकर कानून, 1961 के तहत की जाने वाली कानूनी कार्रवाई से ऊपर होगी। आयकर कानून घरेलू कर चोरी के आरोपों से जुड़ा है। आयकर अधिकारियों ने कहा था कि लालू के परिजनों की कुछ संपत्तियां विभाग की जांच के दायरे में हैं और ये ‘बेनामी’ तरीके से हासिल की गई हैं। बेनामी संपत्तियां वे हैं, जिनमें असल लाभार्थी वह नहीं है, जिसके नाम पर संपत्ति खरीदी गई है। हालांकि छापेमारी के बाद राजद प्रमुख ने कहा कि वह “बिल्कुल डरते नहीं” हैं और “फासीवादी ताकतों” के खिलाफ लड़ना जारी रखेंगे। भाजपा ने लालू, भारती, तेजस्वी और तेज प्रताप के खिलाफ भी आरोप लगाए थे। उन पर एक हजार करोड़ रूपए से अधिक के भ्रष्ट भू सौदों में लिप्त होने के आरोप लगाए गए थे। भाजपा ने दिल्ली में हुए ऐसे एक लेनदेन की जांच के लिए केंद्र सरकार से कहा था।

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