नई दिल्ली, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में मंगलवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक संपन्न हुई। सोनिया ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति को चिंताजनक बताते हुए इसे सरकार की नाकामी का प्रतीक बताया।
सोनिया ने कहा कि हमें भारत के सार और विचार की रक्षा करने के लिए तैयार रहना होगा, जिसे यह सरकार खत्म करने की कोशिश कर रही है। कश्मीर में पहले शांति थी। लेकिन, अब टकराव, तनाव और भय की स्थिति है। एक तरफ जहां पहले आर्थिक संभावना थी, वहीं आज विकासहीनता है। जम्मू-कश्मीर के हालात सरकार की घोर नाकामी को दर्शाते हैं।
एनडीए ने डर, खौफ और भय पैदा किया : आजाद
बैठक के बाद वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि एनडीए के तीन साल निराशाजनक रहे। तीन साल में जनता में डर, खौफ और भय का माहौल पैदा हुआ। दलित, अल्पसंख्यक और महिलाएं डर में जी रहे हैं। यह सरकार सबका साथ सबका विकास नारा लेकर आई। लेकिन, इस नारे के उलट काम किए। यह सरकार टेलीविजन पर हीरो है। लेकिन, जमीनी कामों में जीरो है। नौजवानों के साथ धोखा हुआ है। देशभर के किसानों की हालत बिगड़ती जा रही है। कमेटी ने किसानों के साथ पूरी सहानुभूति जताई है।
कमलनाथ और दिग्विजय सिंह से लंबी मुलाकात
मध्यप्रदेश में कांग्रेस से दो बड़े नेता कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने बैठक के बाद पार्टी अध्यक्ष से लंबी मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार, मध्यप्रदेश में तेजी से बदल रहे समीकरणों, किसान आंदोलन के उग्र होने और अन्य मुद्दों पर दोनों नेताओं ने विस्तार से चर्चा की।
विपक्षी दलों की एकता लोकतंत्र के लिए बेहतर : राहुल
राष्ट्रपति चुनाव से पहले कांग्रेस की ओर से विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने का कोशिशें जारी हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष का एकजुट होना लोकतंत्र के लिए बेहतर है। राहुल ने कांग्रेस के अल्पसंख्यक नेताओं से मुलाकात भी की।