गरीबों की पैरवी मुफ्त करें वकील – मोदी

नई दिल्ली, उच्चतम न्यायालय के एकीकृत मुकदमा सूचना प्रबंधन प्रणाली (आईसीएमआईएस) का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तकनीकी से हमारी दुनिया तेजी से बदल रही है और हमें इस बदलाव से खुद को जोड़ना होगा। प्रधानमंत्री ने वकीलों से आह्वान किया कि वे देश सेवा में अपना योगदान करें। न्यायपालिका में सुधार के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि अब छुट्टियां कम हो रही हैं और टेक्नोलॉजी की मदद से इसमें मुकदमों को निपटाने में आसानी हो रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश बदल रहा है, छुट्टी में भी लोग काम कर रहे हैं।

10 मई को 1857 की आजादी का संग्राम शुरू हुआ था। इलाहाबाद में मुख्य न्यायाधीश ने विस्तार से आंकड़े प्रस्तुत किये थे और देश में जो लंबित मामले हैं उसे देखते हुए न्यायपालिका को कहा था कि छुट्टियों में भी काम कीजिए। सुनकर आनंद आया कि सुप्रीम कोर्ट और दूसरी अदालतों में छुट्टियों में काम किया जा रहा है। इससे जिम्मेदारी का अहसास होता है तो लोगों के मन में भी भाव आते हैं। नये भारत के लिए यह जरूरी है। पीएम ने कहा, ‘न्यायिक व्यवस्था में टेक्नोलॉजी का आना डिजिटल इंडिया के लिए बहुत बड़ी सेवा का काम करेगा। न्यायपालिका के क्षेत्र में भी तकनीकी का क्षेत्र विस्तार हो गया है। मोबाइल रिकॉर्ड और सीसीटीवी व फॉरेंसिक तकनीक का बड़ा रोल हो गया है। इंटरनेट के जरिए याचिका दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू।’ न्यायपालिका में सुधार के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि जजों ने अपनी छुट्टियां कम की हैं। उन्होंने इसके लिए जजों का आभार भी जताया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘हमें टेक्नोलॉजी का मतलब सिर्फ हार्डवेयर नहीं समझना चाहिए, जब टेक्नोलॉजी की बात होती है तो हमारी सोच भी एक समस्या होती है। टेक्नोलॉजी अपनाने का दायरा बढ़ाना होगा। टेक्नोलॉजी की ताकत बड़ी अद्भुत है। सबसे बड़ी चुनौती इसके साथ जुड़ने की है। ई-गवर्नेंस, ईजी गवर्नेंस, इफेक्टिव गवर्नेंस, एनवार्यमेंट फ्रेंडली गवर्नेंस है, हम इसे जीवन में कैसे उतारें इस पर ध्यान देना होगा।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि ई-गवर्नेंस से पेपरलेस ऑफिस का चलन बढ़ रहा है और इससे पर्यावरण को लाभ होता है। ए-4 साइज का एक कागज दस लीटर पानी लेता है। इसका मतलब पेपरलेस होना जंगल बचाना पानी बचाना पर्यावरण की सेवा है।’
पीएम ने कहा कि जो काम हजार साल में नहीं हुआ वह टेक्नोलॉजी ने 30 साल में कर दिया। जल्दी ही कृत्तिम खुफिया (आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस) पूरी मानवजाति पर हावी होने वाली है, ड्राइवर लेस कार आएगी, इसके बाद क्या नौकरियों का निर्माण होगा। विशेषज्ञ का कहना है कि इससे नए तरह के जॉब तैयार होंगे। पूरा विश्व बदलने वाला है और हम अगर इसके साथ नहीं चलेंगे तो हमें कोई पूछेगा नहीं । हम टैक्सी से कम किराए में, कम प्रति किमीलोमीटर कम खर्च में मंगल गए। हालीवुड की एक फिल्म से कम खर्च में मंगल तक पहुंचे। आईटीआईटीआईटी। मतलब इंडियन टेक्नोलाजी इंडियन टैलेंट इंडियन टुमारो। प्रधानमंत्री ने कहा कि नोटबंदी में काफी कुछ सीखने को मिला। नोट छापने और उसको प्रणाली में लाने में अरबों-खरबों रुपये का खर्च होता है, एक एटीएम को संभालने के लिए छह -छह पुलिस कर्मी लगते हैं, डिजिटल व्यवस्था में इन सबकी बचत हो जाती है, यह बचत गरीब के घर बनाने उसकी शिक्षा के लिए काम आएगी।’ प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर ने इस मौके पर कहा कि वह देश के सभी 24 उच्च न्यायालयों और निचली अदालतों में एकीकृत प्रणाली शुरू करने का प्रस्ताव रखते हैं। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी, हेरफेर कम होगा और वादी को वास्तविक समय में अपने मुकदमे की प्रगति के बारे में जानने में मदद मिलेगी। केंद्र और राज्य सरकार के प्रत्येक विभाग को यह पता चल जाएगा कि क्या उन्हें मामले में पक्षकार बनाया गया और उन्हें इसी के अनुसार तैयारी करने में मदद मिलेगी। अदालत के शुल्क और प्रक्रिया शुल्क की गणना ऑनलाइन की जाएगी जिससे वादी को इसमें आने वाली लागत का पता लग जाएगा।

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