दस-बीस सालों में गलत साबित होगा बंदर से मनुष्य बनने की डार्विन का सिद्धांत

नई दिल्ली, केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह ने एक बार फिर दावा किया है कि मानव के क्रम विकास का चार्ल्स डार्विन का सिद्धांत वैज्ञानिक रूप से ठीक नहीं है। उन्होंने कहा विज्ञान के छात्र के रूप में वह यह नहीं मानते कि उनके पूर्वज बंदर थे। मानव संसाधन विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने उनकी टिप्पणियों की आलोचना करने वालों पर निशाना साधते हुए कहा किसी अन्य व्यक्ति के नजरिए की निंदा करना वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं है। एक पुस्तक के विमोचन समारोह में सत्यपाल सिंह ने कहा मैं विज्ञान का छात्र हूं। मैंने रसायन-शास्त्र में पीएचडी की है। मेरे खिलाफ बोलने वाले लोग कौन थे? और कितने लोगों ने मेरा साथ दिया? हमें इस पर मंथन करना चाहिए। हम प्रेस से डर जाते हैं। आज नहीं तो कल। कल नहीं तो 10-20 साल में, लोग मेरी कही गई बातें स्वीकार करेंगे। कम से कम मेरा मानना है कि मेरे पूर्वज कपि (बंदर) नहीं थे।
केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह ने कहा, ‘किसी अन्य व्यक्ति के नजरिए की निंदा करना वैज्ञानिक भावना नहीं है। इस पर सोचा जाना चाहिए। मुंबई के पुलिस आयुक्त रह चुके सिंह ने कुछ महीने पहले मानव के क्रमिक विकास के चार्ल्स डार्विन के सिद्धांत को गलत करार दिया था। उन्होंने कहा था कि स्कूलों एवं कॉलेजों के पाठ्यक्रम में यह बदलाव नजर आना चाहिए। इस पर विभिन्न वर्गों ने सिंह की आलोचना की थी। पूर्व आईपीएस अधिकारी ने कहा कि उन्हें ‘शिक्षित राजनेता होने पर गर्व है ’ और देश का ‘सौभाग्य’ है कि ‘राष्ट्रवादी मानसिकता की एक राष्ट्रवादी सरकार’ शासन में है।
उन्होंने कहा कि विदेशों के 99 फीसदी विश्वविद्यालय हिंदू धर्म की ‘गलत व्याख्या करते हैं, गलत अनुवाद करते हैं।’ सिंह ने कहा, ‘मैं एक किताब लिख रहा हूं। इस पर एक अध्याय होगा। हम किसी पश्चिमी देश के व्यक्ति से मदद नहीं लेंगे। हम साक्ष्य और दस्तावेजी प्रमाण देंगे। हम साबित करेंगे कि हम जो कह रहे हैं वह सही है। क्या हमारे किसी साधु- संत ने इंग्लैंड के किसी प्रोफेसर को अपनी बातें सत्यापित करने के लिए कहा था?’ उन्होंने कहा कि हमारी सबसे बड़ी भूल यही रही कि हमने अंग्रेजों की शैक्षणिक प्रणाली और मानसिकता का अनुकरण जारी रखा।

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