मंदसौर गैंगरेप मामले में पीड़ित परिवार ने सरकारी मुआवजा ठुकराया

इंदौर,मध्यप्रदेश के मंदसौर में सामूहिक दुष्कृत्य और हैवानियत की शिकार हुई सात वर्षीय बच्ची के पिता ने प्रदेश सरकार द्वारा मिले मुआवजे को ठुकराते हुए कहा है कि उन्हें कोई मुआवजा नहीं चाहिए और वह सिर्फ आरोपियों को फांसी पर लटकते देखना चाहते हैं। पीड़ित बच्ची का इंदौर के महाराजा यशवंतराव अस्पताल (एमवायएच) में इलाज चल रहा है। वहीं मध्य प्रदेश की महिला और बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनिस ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तरफ से पीड़ित बच्ची के पिता के बैंक अकाउंट में 5 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। उम्मीद है कि पुलिस आरोपियों पर जल्द कार्रवाई करेगी, जिससे उन्हें फांसी के फंदे पर लटकाया जा सके। बच्ची के स्वास्थ्य और शिक्षा का निर्वहन राज्य सरकार करेगी। हालांकि बच्ची के पिता को मुआवजा मंजूर नहीं है। मीडिया से बातचीत करते हुए मासूम के पिता ने कहा- मुझे कोई मुआवजा नहीं चाहिए। मैं केवल इतना चाहता हूं कि आरोपियों को फांसी हो। इधर,शनिवार रात को इंदौर में ज्योतिरादित्य सिंधिया की अगुआई में सूबे के प्रमुख विपक्षी दल ने कैंडल मार्च निकाला। मधुमिलन चौराहा स्थित नेहरू प्रतिमा से रीगल तिराहा स्थित गांधी प्रतिमा तक निकाले गए मोमबत्ती जुलूस में सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए। इससे पहले, सिंधिया शहर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय पहुंचे, जहां सामूहिक बलात्कार की पीड़ित बच्ची भर्ती है। उन्होंने डॉक्टरों से बच्ची का हाल-चाल जाना और बच्ची के परिजनों से मुलाकात की। सिंधिया ने पत्रकारों को बताया कि प्रदेश भर में मासूम बच्चियों से बलात्कार की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। लेकिन सूबे की भाजपा सरकार कुम्भकर्ण की तरह गहरी नींद में है। खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस सवाल का जवाब देना चाहिए कि उनकी सरकार नींद से कब जागेगी। भजापा के राज में मध्य प्रदेश बलात्कार की राष्ट्रीय राजधानी बन गया है और सूबे में हर साल 5,000 महिलाओं से दुष्कर्म हो रहा है। उन्होंने प्रदेश की कानून-व्यवस्था के पूरी तरह खत्म हो जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर सत्तारूढ़ भाजपा महिलाओं और बच्चियों को सुरक्षा की गारंटी नहीं दे सकती, तो उसे सत्ता छोड़ देनी चाहिए।

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