गुजरात में नदियां खतरे के निशान से ऊपर, सत्तर लोग मरे माउन्ट आबू में पर्यटक फंसे

अहमदाबाद, लगातार हो रही वर्षा ने गुजरात के दस जिलों में जनजीवन को बुरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है. भीषण बाढ़ की वजह से अब तक 70 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों पशुओं के बहने या मरने की खबर है. बाढ़ग्रस्त इलाकों में पानी रिहायशी इलाकों में घुस गया है, जिसकी वजह से 25 हजार से अधिक लोगों को अपने ठिकानों से पलायन कर सुरक्षित स्थानों पर आश्रय लेना पड़ा है. लगातार हो रही वर्षा के चलते राज्य की ज़्यादातर नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. एनडीआरएफ की टीम और वायु सेना के जवान बचाव कार्यों में लगे हैं. इस बीच एनडीआरएफ की छह और टीमें राहत और बचाव के लिए बाढ़ प्रभावित इलाकों में भेजी गई हैं.
बीएसएफ और सेना के जवान भी राहत कार्यों में जुटे हैं. भीषण वर्षा के चलते बनासकांठा का राष्ट्रीय राजमार्ग, 20 राज्य राज्यमार्ग के अलावा करीब 300 से ज़्यादा सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई हैं. भारी वर्षा के चलते दिल्ली-अहमदाबाद रेल मार्ग पर यातायात प्रभावित हुआ है. उत्तरी गुजरात के कुछ इलाकों में रेल पटरी पूरी तरह पानी में डूब गई है. धारोई बांध से पानी छोड़े जाने से पहले राज्य के खेड़ा और आणंद जिलों में अलर्ट जारी किया गया है.
गुजरात के पड़ोसी राजस्थान में भी पिछले कई दिनों से हो रही बारिश की वजह से अनेक स्थानों पर बाढ़ जैसी स्थिति है. भीषण वर्षा की वजह से हुए विभिन्न हादसों में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि अनेक लोग घायल हुए हैं. चुरू, जोधपुर, नागौर, जालौर, उदयपुर और पाली में हालात सबसे ख़राब हैं. बाढ़ प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ़ और सेना के जवान राहत कार्यों में जुटे हुए हैं. बाढ़ में फंसे सैकड़ों लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है.
कुछ इलाकों में लगातार हो रही बारिश की वजह से राहत और बचाव में अड़चन पैदा हो रही है. जोधपुर में सुधमाता बांध के टूटने से इसके पास स्थित कई गांवों में पानी भर गया. भारी वर्षा को देखते हुए कुछ स्थानों पर स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है. बाड़मेर ज़िले के रेगिस्तानी इलाकों में भी पानी भर गया है. मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले दो दिनों में यहां भीषण बारिश की संभावना है.

साबरकांठा और बनासकांठा में बारिश का कहर

सौराष्ट्र के राजकोट, चोटीला, मालिया मियाणा, जूनागढ और जामनगर में बारिश ने कहर बरपाने के बाद कल साबरकांठा और बनासकांठा में बारिश का कहर छा गया. साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर, पोशीना, मोडासा, तलोद, इडर और प्रांतिज में भारी बारिश से सभी जिले पानी पानी हो गए. बनासकांठा और साबरकांठा में तूफानी बारिश से अनेक गांव बेट में तब्दील हो गए. 9 हजार से लोगों को स्थानांतरित कराया गया. माउन्ट आबू पर 24 घंटे में 31 इंच बारिश होने से गुजरात से घूमने गए पर्यटक फंस गए है. वहीं साबकांठा जिले के काणोदर गांव के रोड पर पानी भर जाने से पालनपुर-अहमदाबाद हाईवे बंद कर दिया गया है. ऊपरी हिस्से में हो रही बारिश के चलते नदीयां उफान पर है. थराद तहसील के 11 गांवों के लोगों को सुरक्षत स्थानों पर ले जाने की सूचना दी गई है. अमीरगढ तहसील के दस गांव बेट में तब्दील हो चुके है| जबकि अन्य गांव सम्पर्क विहिन हो चुके है. कांकरेज तहसील के अग्रणी ने कहा कि कांकरेज के खारिया, रूणी, आनंदपुरा, ओढा, खाखर और सुदलोसण गांव में पानी घुस जाने पर लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.जिले के कांकरेज, थरा, दियोदर, दांतीवाडा इलाके में तेज हवा और लगातार हो रही बारिश के बीच नि:सहाय लोग रात भर छतों पर बैठे हुए थे. आज सुबह एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया. आज सुबह से ही बाढग्रस्त इलाकों में राहत व बचावकार्य के लिए वायुसेना ने मोर्चा संभालते हुए 04-एमआई-17 और वी-5 हेलिकोप्टर्स को राहत बचाव कार्य में शामिल किया. दो हेलिकोप्टरों की मदद से बनासकांठा व पाटन जिले के बाढग्रस्त इलाकों से लोगों को रेस्क्यू किया.

16 डेमों पर अलर्ट जारी
राज्य में व्यापक बारिश के चलते 203 जलाशयों में से 38 जलाशयों पर हाईअलर्ट और 16 डेमों पर अलर्ट जारी किया गया है. जबकि 14 जलाशयों पर सामान्य चेतावनी जारी की गई है.
राज्य के फ्लड कंट्रोल सेल के उप कार्यपालक अभियंता के मुताबिक जिन जलाशयों पर हाईअलर्ट जारी किया गया है, उनमें भरुच जिले का धोली, दाहोद जिले का मच्छानाला, कबूतरी, उमरिया और काली 2, कच्छ का सानन्द्रो, फतेहगढ़, गजणसर और मित्ती, अमरेली का वडिया, जामनगर का ससोई, पूना, रूपारेल, सापडा, वेराडी और वेराडी 2, देवभूमि द्वारका का वर्तु 1, सोनमती, काबरका और मीनसर, पोरबंदर का सोरठी, राजकोट जिले का लालपरी, खोडपीपर, फादंगबेटी, घेलो और धारी, मोरबी जिले का डेमी 1 और ब्राह्मणी, सुरेन्द्रनगर जिले का लींबडी भोगावो 1, मोरसाल, सबूरी और त्रिवेणीथांगा समेत 32 जलाशय संपूर्ण रूप से भर गए हैं. जबकि सुरेन्द्रनगर जिले के धोलीधज, वांसल और नींबमनी, मोरबी जिला का मच्छु 1 और घोडाध्रोई, जामनगर जिले का कंकावटी डेम 90 फीसदी से ज्यादा भर गया है और जल्द ही ऑवरफ्लोने की होने की तैयारी है. जिसे देखते हुए इन डेमों पर अलर्ट जारी किया गया है.

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