मुंबई,नियंत्रण रेखा में तैनात चीनी सैनिक भारतीय सैनिकों को हिंदी भाषा में धमका रहे है। पीछे हटो, यह हमारी जमीन है। खाली करो, 1962 के युद्ध की तरह मजा चखाएंगे । जैसी धमकियां भारतीय सैनिकों को देते हुए पहली बार सीमा पर चीनी सैनिकों को देखा गया है।।
चीनी सेना के सैनिक भारतीय सैनिकों के साथ-साथ भारतीय व्यापारियों जो चीन से व्यापार करते है। उनसे हिंदी में बात कर पाते है। यह अलग बात है। कि वह धाराप्रवाह हिंदी नहीं बोल पाते है किंतु आसानी से हिंदी समझ लेते हैं और टूटी-फूटी हिंदी भाषा में जवाब भी देते हैं| इसके स्थान पर भारतीय सैनिकों को चीनी भाषा का जरा भी ज्ञान नहीं है।
थल सेना के 10 लाख चीनी सैनिक हिंदी के ज्ञाता
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार चीनी सेना के 23 लाख 50 हजार थल सैनिकों में से 10 लाख सैनिक हिंदी भाषा समझ सकते है और बोल भी सकते है। मुंबई विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रोफेसर करुणाशंकर उपाध्याय के अनुसार चीन के 20 विश्वविद्यालयों में हिंदी भाषा की पढ़ाई हो रही है। 2020 तक चीन में हिंदी पढ़ाने वाले विश्वविद्यालयों की संख्या 50 तक हो सकती है।
चीन पिछले कई वर्षों से हिंदी भाषा को लेकर काफी सजग है। भारत के वर्धा स्थित महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय मैं चीन के छात्र-छात्राएं आकर हिंदी साहित्य में डॉक्टरेट करते है। चीन से आने वालों में लड़कियों की संख्या सबसे ज्यादा होती है।
चीन ने पिछले 10 वर्षों में भारत में जिस तरह से अपना व्यापार बढ़ाया है। भारतीय संस्कृति भाषा और लेनदेन को लेकर उसने भावात्मक रूप से भारतीय जनता को जोड़ने के लिए सांस्कृतिक और भाषा के आधार पर भारत में अपना प्रभुत्व बढ़ाने का प्रयास कर रहा है।