मिस्र में खंडहरों में मिलीं चौथी शताब्दी ई. पू. की फलों से भरी टोकरियां जिनमें थे हजारों साल पुराने पवित्र फल

काहिरा, पुरातत्वविदों द्वारा मिस्र के तट पर थोनिस हेराक्लिओन के पास खंडहरों में हजारों साल पुरानी फलों से भरी टोकरियां खोजी गई हैं। फलों की यह टोकरियां चौथी शताब्दी ई. पू. की बताई जा रही है। टोकरियों के साथ सैकड़ों प्रचीन चीनी मिट्टी की कलाकृतियों और कांस्य की मूर्तियों की भी खोज की गई है।
दूसरी शताब्दी ई. पू. में आई शहर में भयानक बाढ़ के बाद से इन टोकरियों को किसी ने नहीं छुआ है। बाद में आठवीं शताब्दी ईस्वी में भूकंप और ज्वार के चलते शहर पूरी तरह से डूब गया था। इस खोज से पुरातत्वविद चौंक गए। उन्होंने बताया कि फलों की टोकरियां ‘अद्भुत’ हैं, जिन्हें 2000 से अधिक सालों से किसी ने नहीं छुआ है। टोकरी में अभी भी डॉम (अफ्रीकी फल जो प्राचीनकाल में मिस्र के लोगों के लिए पवित्र था) और अंगूर के बीज मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि फलों की टोकरियां देखकर उन्हें बहुत अच्छा लगा। पुरातत्वविद ने कहा कि संभवतः टोकरियां अभी तक अस्तित्व में इसलिए हैं क्योंकि इन्हें अंडरग्राउंड कमरे में रखा गया था। पुरातत्वविद और उनकी टीम को यहां एक तुमूलस (कब्रों के ऊपर लगाया जाने वाला टीला) भी मिला। यह टीला करीब 60 मीटर लंबा और 8 मीटर चौड़ा है।
ये सभी चीजें चौथी शताब्दी ई. पू. की शुरुआत की हैं जब ग्रीक व्यापारी और सैनिक थोनिस-हेराक्लिओन शहर में रहते थे।ऐसा मालूम पड़ता है कि इस जगह को सील कर दिया गया था क्योंकि कोई भी कलाकृति चौथी शताब्दी ई. पू. के बाद की नहीं है बल्कि शहर आगे भी कई सौ सालों तक जीवित रहा था। पुरातत्वविद ने कहा कि यहां बहुत कुछ अजीब है। शायद इस जगह का इस्तेमाल सिर्फ एक बार हुआ है। फिलहाल इस बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं है और यह एक रहस्य है। टीम को कांस्य से बनी कई मूर्तियां भी मिली हैं।अनुमान है कि बड़े पैमाने पर जलने के कारण लोगों को इस साइट पर दोबारा आने से रोक दिया गया था।

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