कोरोना की अगली लहर है लोगों के व्यवहार, टेस्टिंग, कंटेनमेंट रणनीति और वैक्सीनेशन पर निर्भर

नई दिल्ली, कोरोना वायरस समय के साथ अपना स्वरूप बदल रहा है। महामारी से संबंधित नए-नए लक्षण सामने आ रहे हैं। अब कोरोना मरीजों में साइटोमेगैलोवायरस यानी मल के साथ खूब आने के लक्षण सामने आए हैं। देश में अब तक इसके पांच केस सामने आए हैं। देश में कोरोना टास्क फोर्स के सदस्य डा. वीके पाल ने कहा है कि कोरोना की अगली लहर कितनी बड़ी होगी, यह कई कारणों पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि लोगों का कोरोना संबंधी व्यवहार, टेस्टिंग संख्या, कंटेनमेंट रणनीति और वैक्सीनेशन की संख्या से तय होगा कि अगली लहर कितनी खतरनाक रहने वाली है।
दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल के डॉ अनिल अरोड़ा ने कहा है-ये मरीज पेट में दर्द और मल में खून की शिकायत लेकर आए हैं। ये लक्षण मरीजों में कोरोना संक्रमण के 20-30 दिन बाद उभरे हैं। उल्लेखनीय है कि इस समय देश में कोरोना के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस को लेकर चिंता जाहिर की जा रही है। नए वैरिएंट के सबसे ज्यादा मरीज महाराष्ट्र में मिले हैं। इसके बाद राज्य में सख्ती बढ़ा दी गई है। देश की कोरोना टास्क फोर्स के सदस्य डॉ वीके पॉल ने एक दिन पहले कहा है कि महामारी की अगली लहर का निश्चित समय नहीं बताया जा सकता। उन्होंने कहा किसी भी अगली लहर के कोई भी समय निश्चित करना तर्कसंगत नहीं होगा क्योंकि कोरोना का व्यवहार अनिश्चित है। उन्होंने कहा कि महामारी के खिलाफ लगातार प्रभावी कदम उठाते रहने की जरूरत है।
कोरोना के नए डेल्टा प्लस वेरिएंट को लेकर चिंताओं के बीच वीके पॉल ने कहा है-अभी तक कोई ऐसा वैज्ञानिक डेटा नहीं है जो साबित करे कि नया वैरिएंट ज्यादा संक्रामक है या फिर वैक्सीन के प्रभाव पर उल्टा असर डालता है। डॉ पॉल कहा कोरोना की अगली लहर कितनी बड़ी होगी, यह कई कारणों पर निर्भर करेगा। जैसे लोगों का कोरोना संबंधी व्यवहार, टेस्टिंग संख्या, कंटेनमेंट रणनीति और वैक्सीनेशन की संख्या महत्वपूर्ण पहलू होंगे। इसके अलावा वायरस का अनिश्चित व्यवहार भी बड़ा कारण हो सकता है।

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