चुनाव आयोग बोला अब मीडिया हमें हत्यारा कह रहा है, जवाब मिला मीडिया को तो नहीं रोक सकते

नई दिल्ली, चुनावी रैलियों पर मद्रास हाईकोर्ट की बेहद सख्त टिप्पणी को लेकर चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट गया है। इस मामले पर सोमवार को सुनवाई के दौरान आयोग ने कहा कि जब रैलियां हो रही थीं, तो स्थिति इतनी खराब नहीं थी इसलिए हमें हाईकोर्ट की टिप्पणी पर गंभीर आपत्ति है। कोर्ट के ऑब्जर्वेशन के बाद से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर लगातार चर्चा हुई कि हम हत्यारे हैं।
दरअसल, मद्रास हाईकोर्ट ने 26 अप्रैल को सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग को फटकार लगाई थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि चुनावी रैलियों में कोविड प्रोटोकॉल तोड़े गए। दूसरी लहर के लिए चुनाव आयोग जिम्मेदार है और आयोग के अधिकारियों के खिलाफ तो हत्या का मुकदमा किया जाना चाहिए।
-हमें सफाई का मौका भी नहीं दिया
आयोग ने मद्रास हाईकोर्ट की टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट में कहा- जवाब देने का मौका दिए बिना ही हमारी निंदा की गई। यहां तक कि डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत जिम्मेदार अधिकारियों को सफाई देने का मौका भी नहीं दिया गया। सुनवाई के दौरान जजों की ओर से की गई मौखिक टिप्पणियों की रिपोर्टिंग से मीडिया को रोका नहीं जा सकता। कभी-कभी हम कठोर हो जाते हैं, क्योंकि हम लोगों की भलाई चाहते हैं। लगातार आदेशों के बाद भी कार्रवाई न हो तो हाईकोर्ट को तकलीफ हो सकती है। गुजरात के मामले को देखें, तो यहां फायर एनओसी से जुड़े तमाम आदेशों के बाद भी कोविड वार्ड में आग से 18 लोगों की मौत हो गई।
जज भी आखिर इंसान हैं
सुनवाई के दौरान अगर जज कुछ कहते हैं तो वह लोगों के बड़े हित के लिए होता है। इसे सही भावना से देखना चाहिए। जज भी इंसान हैं, उन्हें भी तनाव होता है। हम अपने हाईकोट्र्स का मनोबल गिराना नहीं चाहते हैं। ये हमारे लोकतंत्र का मजबूत स्तंभ हैं।
चुनाव आयोग चाहता है अपमान जनक टिप्पणी हटे
चुनाव आयोग ने अपनी याचिका में हाईकोर्ट की अपमानजनक टिप्पणी को हटाने की मांग की है। आयोग ने कहा है कि हाईकोर्ट खुद एक संवैधानिक संस्था है। चुनाव आयोग भी संवैधानिक संस्था है, इसलिए हाईकोर्ट को ऐसी टिप्पणियां नहीं करनी चाहिए थी।

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