सार्वजनिक स्थलों पर मोबाइल चार्ज करने पर सावधानी रखना है जरुरी अन्यथा बैंक खाता हो सकता है हैक

नई दिल्ली, सफर करते समय अगर आप किसी सार्वजनिक स्थल के मोबाइल चार्जिंग स्टेशन पर अपना फोन चार्ज करने का विचार कर रहे हैं, तो सतर्क हो जाइए। आपकी निजी जानकारियों के साथ आपका बैंक खाता भी साइबर अपराधियों के हाथ जा सकता है। इसे जूस जैकिंग कहते हैं। पिछले साल लॉकडाउन में ये मामले थमे थे, लेकिन अब जैसे-जैसे बस अड्डों, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और अन्य सार्वजनिक जगहों पर चहल-पहल बढ़ने लगी है, तो साइबर क्राइम का यह तरीका पांव पसारने लगा है। पहले एसबीआई समेत कई बैंकों ने लोगों को इस बारे में अलर्ट किया था। अब गृह मंत्रालय की साइबर यूनिट ने इस बारे में दिशा निर्देश जारी किए हैं। साइबर सिक्यॉरिटी पर रिसर्च कर रही संस्था ‘अलर्ट इंडियंस’ ने फरवरी 2021 में दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई, पुणे और हैदराबाद में रिसर्च में पाया कि पब्लिक प्लेस पर लगे 22प्रतिशत चार्जिंग स्टेशन सुरक्षित नहीं थे या पहले से हैकर्स की गिरफ्त में थे। एक अन्य स्टडी में पाया गया कि पब्लिक प्लेस में उपलब्ध फ्री वाईफाई में 33प्रतिशत कनेक्शन ऐसे थे, जो फोन या लैपटॉप में मालवेयर/वायरस पुश कर रहे थे, जिसके जरिए फोन और लैपटॉप की एक्सेस हैकर तक पहुंच सकती थी। साइबर क्रिमिनल पब्लिक प्लेस पर लगे मोबाइल चार्जिंग स्टेशनों को हैक कर लेते हैं। जैसे ही आप अपना फोन वहां चार्जिंग के लिए लगाएंगे, तो आपके फोन के यूएसबी पोर्ट के जरिए कोई क्रावलर प्रोग्राम या मालवेयर आपके फोन में इंस्टॉल हो जाएगा। इससे फोन की ऐक्सेस हैकर तक हो जाएगी।
गृह मंत्रालय के दिशा निर्देश-
पब्लिक प्लेस पर उपलब्ध चार्जिंग स्टेशनों पर मोबाइल फोन चार्ज करने से बचें। फोन का चार्जर, बैटरी बैंक साथ रखें, ताकि चार्जिंग स्टेशन की जरूरत न पड़े। बहुत जरूरी हो, तो किसी दीवार पर लगे बिजली के सॉकेट में अपना चार्जर लगा कर फोन चार्ज करें। फोन की सेटिंग में यूएसबी डिबुबिंग के अंदर ऑप्शन होता है- इस्टाल ओवर एडीबी, इसे हमेशा ऑफ रखें। कोई ऐसा एंटी वायरस सलूशन इंस्टॉल करें जो डेटा चोरी को रोक सकता हो।

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