अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम में 72 करोड़ का फर्जीवाड़ा पकड़ा

रायपुर, छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने आज संवाददाता सम्मेलन के दौरान पाठ्यपुस्तक निगम में हुए 72 करोड़ के फर्जीवाड़े का रहस्य उजागर करते हुए बताया कि क्षेत्रीय पाठ्यपुस्तक निगम कार्यालय में चेक रजिस्टर में 4 अक्टूबर 2019 से 25 नवंबर तक सभी भुगतानों में नियमों का उल्लंघन किया गया। इस दौरान वरिष्ठ प्रबंधक वित्त की जगह महाप्रबंधक के इकलौते हस्ताक्षर वाले चेक से राशि आहरित की गई। नियम के अनुसार दोनों अधिकारियों के संयुक्त हस्ताक्षर से ही चेक जारी होने का प्रावधान है। फर्जीवाड़े से पर्दा उठाते हुए पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने खुलासा किया है कि चेक में सक्षम अधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर बिना राशि आहरण की गई। इसका छत्तीसगढ़ राज्य संपरीक्षा के सीनियर ऑडिटर की रिपोर्ट के जरिए पता चला। 6 दिसंबर 2019 को एक्सिस बैंक के खाता ख्रमांक 917010050941539 में संयुक्त हस्ताक्षर से राशि का आहरण आरंभ हो गया था। उसके बावजूद इसी बैंक खाते से 28 दिसंबर 2020 को चेक क्रमांक 197310 में वरिष्ठ प्रबंधक वित्त के हस्ताक्षर के स्थान पर महाप्रबंधक के हस्ताक्षर से 8,92,98,821.00 रुपए नियम विरुद्ध हस्तांतरण किए जाने से बैंक से भी जवाब की अपेक्षा की गई है। चेक रजिस्टर में एक्सिस बैंक चेक क्रमांक 197301 एवंं 197302 में केवल वरिष्ठ प्रबंधक वित्त के हस्ताक्षर हैं, प्रबंध संचालक के हस्ताक्षर नहीं हैं। सीनियर आडिटर बीके साहू ने उपरोक्त बिंदुओं का परीक्षण करके उत्तरदायित्व निर्धारित कर परिणाम से अंकेक्षण को अवगत कराने लिखा है। छत्तीसगढ़ शासन के वित्त विभाग व्दारा जारी आदेश में राज्य वित्त सेवा अधिकारियों के लिए वित्तीय नियंत्रण एवं उत्तरदायित्व निर्वहन के संदर्भ में विभिन्न निर्देशों में संयुक्त हस्ताक्षर से देयकों के भुगतान का प्रावधान है। पाठ्य पुस्तक निगम की कार्यकारिणी समिति की 61 वीं बैठक में पारित प्रस्ताव के अनुसार देयकों के भुगतान संबंधी प्रावधान है जिसमें एक लाख तक महाप्रबंधक के साथ वरिष्ठ प्रबंधक वित्त के संयुक्त हस्ताक्षर, एक लाख से अधिक भुगतान के लिए प्रबंध संचालक के साथ वरिष्ठ प्रबंधक वित्त के हस्ताक्षर होना अनिवार्य है। लेकिन निगम के वित्तीय वर्ष 2019-20 के चेक रजिस्टर के परीक्षण में पाया गया कि निकाय में कुछ भुगतानों में इस आदेश का पालन न करते हुए एक लाख तक के चेक में महाप्रबंधक व्दारा अकेले हस्ताक्षर किए गए। एक लाख से अधिक के चेकों में वरिष्ठ प्रबंधक वित्त के संयुक्त हस्ताक्षर का अभाव पाया गया। चेक रजिस्टर में 72,45,45,779.00 रुपए की राशि संलग्न पाई गई।

 

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