नई दिल्ली, केंद्र सरकार ने देश में राष्ट्रीय राजमार्गों के तेज विकास के साथ उनकी उच्च स्तरीय गुणवत्ता बनाए रखने के नई व्यवस्था लागू की है। इसके तहत आधुनिक उपकरणों से लैस मोबाइल वैन की प्रयोगशालाओं के जरिए चलते फिरते राष्ट्रीय राजमार्गों की गुणवत्ता की जांच की जाएगी। अधिकारियों की टीम निर्माणाधीन राजमार्गों का औचक निरीक्षण करेगी। इसमें काम पूरा हो चुके राजमार्गों, पुल व सुरंग परियोजनाएं भी शामिल हैं। सरकार के इस फैसले से राजमर्गों की टूट-फूट, गड्ढे नहीं होंगे, मरम्मत व रख रखाव पर खर्च कम होगा। सुरक्षित राजमार्गों से सड़क हादसों में कमी आएगी। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने गत माह प्रयोगशाला युक्त मोबाइल वैन खरीद प्रस्ताव के लिए अनुरोध (आरएफपी) जारी कर दिया है। वैन में राष्ट्रीय राजमार्गों की गुणवत्ता जांच संबंधी समस्त आधुनिक उपकरण होंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रयोगशाला युक्त वैन एनएचएआई, एनएचआईडीसीएल, पीब्ल्यूडी, सड़क परिवहन मंत्रालय आदि को मुहैया करायी जाएंगी। प्रयोगशाला वैन आपूर्ति व संचालन करने वाली कंसल्टेंट-कंपनी को उक्त सभी विभागों के अधिकारियों को मुफ्त में प्रशिक्षण देना होगा। अधिकारी ने बताया कि प्रयोगशाला युक्त वैन निर्माणधीन राजमार्गों, पुलों, सुरंग, भवन में प्रयोग हो रही सामग्री की औचक जांच करेगी। यह पहली बार है जब दक्ष सामग्री इंजीनियर, क्वालिटी कंट्रोल इंजीनियर, लैब तकनीशियन की टीम मौके पर जाकर प्रयोगशला में जांच का कार्य करेगी। जांच रिपोर्ट को उसी समय मोबाइल एप पर डाउनलोड किया जाएगा। जिससे उक्त रिपोर्ट को ऑनलाइन कहीं भी देखा जा सकेगा। टीम राजमार्ग सामग्री जैसे कंक्रीट की मोटाई, मिट्टी का घनत्व, तारकोल की परतें, बैलास्ट, बजरी आदि की मात्रा आदि की जांच की जाएगी। इसमें मानवीय हस्तक्षेप समाप्त हो जाएगा और गड़बड़ी करने वाले ठेकेदरों-कंपनियों पर नकेल कसी जाएगी।