मां-बाप के कामकाजी होने पर बच्चों को जिम्मेदार भी बनाते हैं पेट्स

नई दिल्ली,आजकल एकल परिवार हैं। ऐसे में बढ़ती महंगाई और खर्चों के कारण अब माता-पिता दोनों काम करते हैं और इस कारण उन्हें ज्यादातर समय घर से बाहर ही रहना पड़ता है। ऐसे में देखा गया है कि बच्चे, विशेषकर अकेला बच्चा, खुद को अकेला और उपेक्षित महसूस करता है। ज्यादातर मामलों में अभिभावक अपने बच्चों के साथी के तौर पर पालतू जानवरों पसंदीदा (पेट्स) को रखते हैं।
एक पालतू जानवर बच्चे के भाई-दोस्त या परिवार के सदस्य की जगह नहीं ले सकता, पर यह बच्चे के खालीपन को जरूर भर सकता है। बच्चा इनके साथ खेलते हुए कई चीजें सीखता है।
ज्यादातर अभिभावक अपने बच्चों को मजबूत बनना सिखाते हैं। लेकिन जब एक बच्चा घर में किसी पेट्स के साथ बड़ा होता है तो वह ज्यादा संवेदनशील होना सीखता है। वह इनके बीमार होने पर दर्द समझता है।
पेट्स के साथ वक्त बिताने का एक अन्य फायदा यह होता है कि बच्चे ज्यादा सतर्क रहना सीख जाते हैं। वह जान जाते हैं कि कब उसे भूख लगी है।
पालतू जानवरों की देखभाल करते वक्त केयरिंग, संवेदनशील और चौकन्ना रहने की जरूरत होती है और पेट्स के साथ वक्त बिताते हुए बच्चे कम उम्र में ही इन खूबियों को अपने अंदर ढाल लेते हैं।
पेट्स के साथ बड़े होने का एक अन्य फायदा है कि इससे बच्चे जिम्मेदार बनना सीखते हैं।
पेट्स का साथ बच्चों को जिम्मेदार बनना सिखाता है क्योंकि वह अपने प्यारे पेट्स की सभी जरूरतों का ख्याल रखते हैं। यदि बच्चे को उसके पेट्स के खाने, घुमाने और डॉक्टर का अपॉइंटमेंट लेने जैसी जिम्मेदारी दे दी जाएं, तो वह अपने काम को सही तरीके से अंजाम देते हैं।
बच्चों को जिंदगी और मौत की अवधारणा के बारे में समझाना बहुत मुश्किल होता है। पेट्स के साथ रखकर उन्हें जिंदगी और मौत के चक्र के बारे में बताया जा सकता है।
एक अभिभावक होने के नाते आप अपने पालतू जानवर के जीवन का हर पड़ाव देखते हैं। आप उसके बचपन से लेकर उसे बड़ा होते हुए और फिर वृद्धावस्था में जाने के बाद उसकी मृत्यु को भी देखते हैं। उनकी यह जिंदगी और मौत हमें इंसान के जीवन के पूरे चक्र के बारे में बताते हैं।
अपने साथ पेट्स को रखना अपने अच्छे दोस्त को घर पर रखने जैसा होता है। घर में रहने वाला पेट्स न सिर्फ घर में सभी के लिए तनाव दूर करने वाला बनता है बल्कि आपके बच्चों को रचनात्मक रूप से व्यस्त भी रखता है। पेट्स की देखभाल करते हुए बच्चे दयालु, निस्वार्थ, केयरिंग और जिम्मेदार बनना सीखते है। घर में रहने वाले पेट्स आपके बच्चे को सही और आसान तरीके से बेहतर इंसान बनने में मदद करते हैं।

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