तपोवन सुरंग से बरामद हुए और 5 शव, 164 लापता लोगों की खोज अभी भी जारी

चमोली, उत्तराखंड में हिमनद के फटने से हुए हादसे में चमोली जिले में तपोवन सुरंग से रविवार तड़के 5 शव बरामद किए गए। चमोली की जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया ने बताया कि सुरंग के अंदर से तड़के दो शव बरामद हुए हैं। शवों की शिनाख्त करने का प्रयास किया जा रहा है। चमोली की ऋषिगंगा घाटी में सात फरवरी को आई बाढ़ में मारे गए 43 लोगों के शव अब तक बरामद हो चुके हैं, जबकि 164 अन्य लोग अब भी लापता हैं।
इन लापता लोगों में तपोवन सुरंग में फंसे 25 से 35 वे लोग भी शामिल हैं जो आपदा के समय वहां काम कर रहे थे। सुरंग में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा प्रतिवादन बल, भारत तिब्बत सीमा पुलिस द्वारा पिछले एक सप्ताह से संयुक्त बचाव अभियान चलाया जा रहा है। ऋषिगंगा नदी पर बनी एक अस्थायी झील से पानी निकलना शुरू हो गया है जिससे इस क्षेत्र में एक और बाढ़ का खतरा कम हो गया है जबकि उत्तराखंड में एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना की गाद से भरी सुरंग के अंदर फंसे लोगों के संभावित स्थान तक पहुंचने के लिए सुरंग में किए गए सुराख को बचाव टीमों ने शनिवार को और चौड़ा करना शुरू कर दिया गया।
टनल में जाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे है। साथ ही विभिन्न स्थानों पर मलवे से लापता लोगों की तलाश की जा रही है। रैणी क्षेत्र मे चार एक्साबेटर और एक डोजर मशीन मलवे मे शवों की तलाश कर रही है। रैणी मे लोकल लोगो एवं परिजनों से मिल रही जानकारी एवं पुरानी फोटो के आधार पर कंपनी के आवास, आफिस, स्टोर और जहां पर भी संभावना लग रही है वहां पर मलवा हटाया जा रहा है। इसके अलावा तपोवन वैराज साइड मे कुछ लोग गिरते हुए देखे गए थे वहां पर भी एप्रोच बनाया जा रहा है जिससे यहां पर एक्साबेटर को उतार कर मलवे से लापता लोगों की तलाश की जा सके।
गौरतलब है कि गत सात फरवरी को रैणी, तपोवन क्षेत्र में आई आपदा में अभी तक कुल 41 शव एवं 18 मानव अंग अलग-अलग स्थानों से बरामद किये गये हैं। चमोली जिले में 30 शव एवं 18 मानव अंग, रुद्रप्रयाग में छह शव, पौड़ी तथा टिहरी गढ़वाल जिले में एक-एक शव बरामद किया गया है। बरामद 38 शवों एवं 18 अंगों में से 12 शवों एवं 01 मानव अंग की शिनाख्त की जा चुकी है। जिन शवों की शिनाख्त नहीं हो पाई है उन सभी शवों का डीएनए संरक्षित किया गया हैं। कोतवाली जोशीमठ में अभी तक 14 व्यक्तियों की गुमशुदगी दर्ज की जा चुकी है एवं 41 परिजनों के डीएनए संरक्षित किये जा चुके हैं। शवों को डिस्पोजल करने के लिए गठित कमेटी द्वारा नियमानुसार 72 घंटे के बाद शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। अब तक कुल 15 शव एवं 10 मानव अंगों का नियमानुसार 72 घंटे के बाद दाह संस्कार किया जा चुका है।

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