लोकायुक्त छापों की जद में आये खनिज अधिकारी खन्ना को अनिवार्य सेवानिवृत्ति

इंदौर, भ्रष्ट खनिज अधिकारी प्रदीप खन्ना को राज्य सरकार ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी है। 32 साल की नौकरी में 3 बार सस्पेंड हुए खन्ना के इंदौर और भोपाल स्थित तीन ठिकानों पर 5 महीने पहले लोकायुक्त पुलिस ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित होने के मामले में दबिश दी थी। खन्ना के माउंटवर्ग कॉलोनी स्थित सवा करोड़ के आलीशान बंगले के जब ताले खुले तो इसकी भव्यता देख पुलिस भी दंंग रह गई थी। घर की साज-सज्जा लाखों रुपए के आलीशान फर्नीचर से हुई है। झूमर घर की रौनक को चार चांद लगा रहे थे। इसके अलावा घर में होम थियेटर, लिफ्ट, मिनी बार सहित विलासिता का काफी सामान मिला था। हालांकि इस मकान का उद्घाटन होना बाकी है।
लोकायुक्त पुलिस के छापे में करोड़ों की संपत्ति के मालिक निकले खन्ना के मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की फटकार के बाद खनिज विभाग ने उसे बर्खास्त करने का प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) को भेज दिया था। लोकायुक्त छापे में इंदौर के जिला खनिज अधिकारी खन्ना 32 साल की नौकरी में 3 बार सस्पेंड हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ने खनिज विभाग की बैठक में 7 सितंबर को खन्ना जैसे अफसरों को बर्खास्त करने और दागी अफसरों को हटाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद विभाग ने उनका नाम उस छानबीन समिति को भेज दिया था जो 20 साल नौकरी या 50 साल उम्र के आधार पर कर्मचारियों की जांच करती है। इस समिति ने खन्ना को अनफिट पाते हुए अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की सिफारिश की थी। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस पर मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग को छानबीन समिति की सिफारिश भेजी। आयोग की हर झंडी मिलने के साथ ही खन्ना को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई।

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