कोरोना संक्रमण से 70 प्रतिशत पुरुषों की मौत ने दुनिया भर में बहुत सी महिलाओं को अकेलेपन में धकेल दिया

नई दिल्ली, पुरुषों के लिए ज्यादा जानलेवा साबित हुए कोरोना वायरस संक्रमण ने दुनिया भर में बहुत सी महिलाओं को अकेलेपन में धकेल दिया। ऐसी कोरोनाकाल की विधवाएं फेसबुक पर संचालित कुछ शोक समूहों का रुख कर रही हैं, जहां उनके जैसी ही दूसरी महिलाएं अपने दुख साझा करती हैं। ऐसे विशेष फेसबुक ग्रुप पर अब तक दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से हजारों महिलाएं जुड़ चुकी हैं। ये महिलाएं आपस में दुख की साथी होने के साथ ही एक-दूसरे के आगे बढ़ने की प्रेरणा भी बन रही हैं। गौरतलब है कि अमेरिका में 3.46 लाख मरीजों की मौत हो चुकी है, जिसमें पुरुषों की संख्या बहुत अधिक है। अमेरिका में अश्वेत विधवा महिलाओं के लिए ऐसा ही एक फेसबुक सपोर्ट ग्रुप चलाया जा रहा है। इस ग्रुप की जूम कॉल से जुड़कर 46 साल की डॉ. मैकग्राउन वॉट्स ने अजनबी महिलाओं के सामने अपनी कहानी बयां की। उन्होंने बताया कि किस तरह उनके डॉक्टर पति स्टीव बीमार होकर चल बसे और उन्हें अंत में वे छू भी नहीं सकीं। वह कहती हैं कि अजनबी महिलाओं के सामने अपने मन की बात कहते हुए वे ज्यादा सहज महसूस कर रही थीं क्योंकि सुनने वालीं भी उसी दर्द से गुजर चुकी थीं। इस दौर में विधवा हुई महिलाओं को ‘कोविड-विडोज’ कहकर पुकारा जा रहा है। इन महिलाओं की चुनौतियों, दुख और अकेलेपन की कहानियों को लोगों तक पहुंचाने और उन्हें आपस में मिलवाने की शुरुआत पिछले साल जून में हुई। कई महिलाओं को सहेलियां मिल गईं, जिनसे मिलकर और फोन पर बात करके वे अपनी भावनाएं साझा कर पाती हैं। टैक्सास की पेशे से टीचर पामेला एडिसन कहती हैं कि समाज में अकेली रह गईं महिलाओं का हाथ थामने वाले कम ही हैं, ऐसे में ये समूह उन्हें ऐसे लोगों से मिलवा रहे हैं जो एक-दूसरे का हाथ थामकर आगे बढ़ सकती हैं। भारत सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के हाल में जारी डाटा के मुताबिक देश में कोरोना से अब तक जितनी मौतें हुई हैं, उनमें से 70 प्रतिशत मौतें पुरुषों की हुईं। यानी बहुत बड़ी तादाद में महिलाएं अकेलेपन और एकल अभिभावक की जिम्मेदारी से घिर चुकी हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों की जीवनशैली कम सेहतमंद होती है जिसके कारण कोरोना संक्रमण उनके लिए ज्यादा घातक साबित हो रहा है।

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