मप्र में 100 यूनिट बिजली योजना के दायरे से बाहर किये जायेंगे 6 लाख उपभोक्ता

भोपाल, मप्र में 100 यूनिट बिजली खर्च करने पर 100 रुपए बिल की योजना से इनकम टैक्स देने वाले 6 लाख उपभोक्ताओं को बाहर किया जाएगा। यह निर्णय कैबिनेट बैठक में ऊर्जा विभाग के प्रजेंटेशन के बाद लिया गया। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि 6 लाख बिजली उपभोक्ताओं में अधिकतर प्रथम श्रेणी के अधिकारी हैं। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिए कि बड़े बकायादारों से बिजली बिल की वसूली का अभियान चलाया जाए। बैठक में यह भी तय किया गया कि ऊर्जा विभाग के जूनियर इंजीनियर और असिस्टेंट इंजीनियरों की पोस्टिंग परफार्मेंस के आधार पर की जाएगी।
गृह मंत्री ने बताया कि 20 जनवरी को पूरे प्रदेश में रोजगार मेले आयोजित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि सभी मंत्री अपने-अपने जिलों में आयोजित मेले में शामिल हों। इन मेलों के माध्यम से सरकार ने 1 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अब कैबिनेट की बैठक में कोई एक मंत्री अपने विभाग का प्रजेंटेशन करेगा। इसके पीछे मंशा यह है कि सभी मंत्रियों को अन्य विभागों की गतिविधियों की पूरी जानकारी हो सके।
इसलिए बड़े बकायादारों से वसूली अभियान
प्रदेश सरकार ने कोविड-19 के कारण 31 अगस्त 2020 तक की बिल बकाया राशि फिलहाल ?स्थगित करने के निर्देश दिए थे। 1 सितंबर 2020 से चालू माह की खपत के आधार पर बिजली बिल जारी हुए। सरकार के इस फैसले से जहां 70 लाख से ज्यादा बिजली उपभोक्ताओं को लाभ हुआ। वहीं बिजली कंपनियों के राजस्व में बेतहाशा कटौती हो गई। लेकिन इस दौरान ऐसे उपभोक्तओं को भी लाभ मिल गया, जिन्होंने साल-सालभर के बिजली के बिल जमा नहीं हुए थे। अब ऐसे बड़े बकायादारों से बिलों की वसूली की जाएगी।
रेत ठेकेदार अब त्रैमासिक की जगह करेंगे मासिक भुगतान
कोरोना काल में कारोबार में घाटा उठाने वाले रेत ठेकेदारों के लिए राहत भरी खबर है। राज्य सरकार ने उन्हें ठेका धन जमा करने में रियायत देने का निर्णय लिया है। अब उन्हें एडवांस में दिए जाने वाले त्रैमासिक की शुल्क की जगह हर माह केवल मासिक शुल्क जमा करना होगा। बाकी शुल्क पर 6.65 फीसदी की दर से ब्याज चुकाना होगा।
कैबिनेट बैठक में मध्यप्रदेश रेत खनन परिवहन भंडारण एवं व्यापार नियम 2019 के तहत रेत खनिज के स्वीकृत ठेकों को कोविड 19 महामारी के कारण ठेका धन के भुगतान में शिथिलता प्रदान करने के प्रस्ताव अनुसमर्थन किया गया। कोरोना काल में रेत खनन और परिवहन का काम भी प्रभावित हुआ था। इसके चलते राज्य सरकार ने रेत ठेकेदारों के लिए राहत पैकेज जारी किया था। इसमें लॉकडाउन अवधि 22 मार्च 2020 या अनुबंध की अवधि जो भी बाद में हो से वास्तविक खनन पर ही राशि ली जाएगी। किस्त राशि में से वास्तविक खनन की मात्रा पर वसूली गई राशि का समायोजन करते हुए शेष राशि को बिना ब्याज लिए विलंबित किया जाएगा। इसकी वसूली छह समान किस्तों में एक नवंबर 2020 से हर तीसरे माह एक जनवरी 2022 तक नियमित किस्तों में दी जाएगी। पैकेज के इस प्रावधान में दिक्कत आई और नवंबर 2020 की किस्त ठेकेदार समय पर जमा नही कर पाए। इसे देखते हुए यह प्रस्तावित किया गया है कि भुगतान में विलंब के लिए 6.65 प्रतिशत की दर से ब्याज लिया जाए और मासिक किस्त की सुविधा बहाल रखी जाए। जो ठेकेदार त्रैमसिक कि स्त जमा करना चाहेंगे उन्हें बकाया राशि परब्याज नहीं देना होगा। लेकिन जो मासिक किस्त का विकल्प चुनेंगे उन्हें जनवरी में एक माह की किस्त और शेष दो महीने की राशि पर 6.65 प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान करना होगा।
मप्र में दो साल बाद ट्रांसफर से बैन हटेगा
राज्य सरकार ने कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत देने जा रही है। कैबिनेट की बैठक में 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक के लिए ट्रांसफर पर लगे बैन को हटाने के संकेत दिए गए। सामान्य प्रशासन विभाग मार्च तक इसकी पॉलिसी लागू कर देगा। मंत्रियों से अपने-अपने विभाग संबंधित एक-एक इनोवेटिव आइडिया मांगा गया है, जिन्हें विचार-विमर्श कर लागू करने का निर्णय लिया जाएगा।

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