बिहार में चिराग पासवान की लोजपा का 27 नेताओं ने छोड़ा साथ उनके एनडीए में जाने के आसार

पटना, बिहार में चिराग पासवान की अगुवाई वाली लोकजन शक्ति पार्टी (लोजपा) को बड़ा झटका लगा है। चुनाव में अकेले दावेदारी करने वाली लोजपा के 27 नेताओं ने बगावती रूख अपनाते हुए लोजपा छोड़ने का ऐलान कर दिया है। इन नेताओं में दलित सेना के प्रदेश महासचिव सुभाष पासवान, पूर्व प्रदेश महासचिव रामनाथ रमण समेत कई दिग्गज नेता शामिल हैं। बताया जा रहा है कि ये नेता पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान की कार्यशैली से नाराज हैं। उन्होंने दावा किया कि कई और नेता भी पार्टी छोड़ सकते हैं।
लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने जिस तरह से 2020 बिहार चुनाव में एनडीए से अलग अकेले चुनाव में उतरने का फैसला लिया, उसका खास फायदा उन्हें नहीं मिला। केवल एक कैंडिडेट को ही जीत मिल सकी। इसके बाद रामविलास पासवान की जगह खाली हुई राज्यसभा की सीट भी एलजेपी के हाथ से निकल गई। यही नहीं अब पार्टी में फूट से पार्टी की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। लोक जनशक्ति पार्टी के बागी नेता केशव सिंह ने भी पार्टी छोड़ते हुए दावा किया कि कई दिग्गज आने वाले समय में एलजेपी छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
पार्टी छोड़ने वाले नेताओं ने एलजेपी मुखिया को घेरा एलजेपी छोड़ने वाले 27 नेताओं ने रविवार को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी। इस दौरान उन्होंने कहा कि चिराग पासवान के रवैये से वह खफा हैं। उनकी लगातार कोशिश थी कि पार्टी एनडीए के साथ गठबंधन में रहे। उन्होंने कहा कि एलजेपी से अलग होने के बाद वह एनडीए में शामिल दलों में जाएंगे। इसके लिए पांच-पांच नेताओं की दो अलग-अलग टीम भी बनाई गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि चिराग पासवान ने स्व। रामविलास पासवान के सपने को चकनाचूर किया है।
इन नेताओं ने लोजपा की प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा
जिन नेताओं ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है उनमें श्रम प्रकोष्ठ के अध्यक्ष कौशल किशोर सिंह कुशवाहा, प्रदेश सचिव ई. विजय कुमार सिंह भी शामिल हैं। इन सभी नेताओं ने लोजपा के पूर्व प्रदेश महासचिव केशव सिंह का समर्थन किया है। उनके साथ मिलकर आगे की रणनीति बनाने में जुट गए हैं।
दूसरी ओर, लोजपा ने भी बदले सियासी माहौल में विचार को लेकर अहम बैठक बुलाई है। जानकारी के मुताबिक, चिराग पासवान ने जिला अध्यक्षों को चयन और संगठन विस्तार को लेकर गठित कमेटी की बैठक बुलाई है। जिसमें सूबे के मौजूदा सियासी माहौल की चर्चा की जाएगी। साथ ही पार्टी को एक जुट करने को लेकर भी नए सिरे से विचार विमर्श किया जाएगा।

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