राजस्थान के मुख्यसचिव और डीजीपी के किये दिल्ली से आयेगा आदेश

जयपुर,राजस्थान के दोनो शीर्ष प्रशासनिक पदों पर मुख्य सचिव राजीव स्वरूप का एक्सटेंशन होगा या नहीं इसी प्रकार डीजीपी का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे एमएल लाठार के डीजीपी बनने के आदेश दिल्ली से आयेंगे या नहीं इस पर अभी सस्पेंस बरकरार है। मुख्य सचिव राजीव स्वरूप 31 अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. उन्हें एक्सटेंशन का इंतजार है. मुख्य सचिव के एक्सटेंशन के लिये राज्य सरकार ने फाइल केन्द्र को भेज रखी है. उसके जवाब की प्रतीक्षा की जा रही है।
केन्द्र से हां या ना का कोई भी जवाब मिल सकता है लेकिन इस बीच राज्य सरकार ने विकल्प के तौर पर नये मुख्य सचिव को ढूंढने की तैयारी भी शुरू कर दी है. ताकि 1 नवंबर को किसी दूसरे सीनियर आईएएस को मुख्य सचिव पद की कमान देने में कोई अड़चन ना आए। मुख्य सचिव को एक्सटेंशन नहीं मिलने पर कई सीनियर आईएएस ऑफिसर इस पद के दावेदार हैं. वरिष्ठता के हिसाब से देखा जाए तो 1985 बैच के आईएएस रविशंकर श्रीवास्तव सबसे वरिष्ठ हैं. लेकिन एसीबी में दर्ज मामले उनकी राह में अड़चन पैदा कर सकते है। दूसरी वरीयता गिरिराज सिंह की है. लेकिन वे बीजेपी और और कांग्रेस के शासन में मुख्यधारा में कम ही रहे हैं. 1985 बैच के आईएएस अधिकारियों में रविशंकर श्रीवास्तव, गिरिराज सिंह और उषा शर्मा है। 1987 बैच की आईएएस नीलकमल दरबारी और वीनू गुप्ता वरिष्ठ हैं. वहीं 1988 बैच के सुबोध अग्रवाल और पीके गोयल हैं. इनके बाद 1989 बैच के राजेश्वर सिंह, निरंजन आर्य और रोहित कुमार सिंह हैं प्रदेश में पिछले एक दशक में राज्य में 9 आईएएस मुख्य सचिव बने है लेकिन इस दौरान केवल सीएस राजन को ही दो बार तीन 3-3 महीने का सेवा विस्तार मिला है. राजन का कार्यकाल 31 दिसंबर 2015 को पूरा हो गया था. लेकिन तत्कालीन वसुंधरा सरकार ने उन्हें जून 2016 तक का केंद्र सरकार से 2 बार एक्सटेंशन दिलवाया था. अब देखना है यह है कि मुख्य सचिव राजीव स्वरूप को एक्सटेंशन मिलता है या फिर प्रदेश को नया मुख्य सचिव मिलेगा।

 

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