हमीदिया अस्पताल के ऑक्सीजन प्लांट मे तकनीकी खराबी से वेटिंलेटर सर्पोट पर रखे गये दो कोरोना मरीजो की मौत

भोपाल, राजधानी भोपाल में गुरुवार को शहर के सबसे बड़े हमीदिया अस्पताल के ऑक्सीजन प्लांट में तकनीकी खराबी आने के कारण वेंटिलेटर सर्पोट पर रखे गये दो मरीजों की मौत हो जाने यह खबर सामने आई है। ऑक्सीजन प्लांट में अचानक हुई तकनीकी खराबी के कारण ऑक्सीजन का फ्लो कम हो गया और वेंटिलेटर ने लो प्रेशर के कारण काम करना बंद कर दिया। अचानक ऑक्सीजन लेवल कम होने से मरीजो की हालत बिगड़ने लगी, जिसके चलते अस्पताल में अफरा-तफरी फैल गई, जिसके कारण वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखे गए दो मरीजों की मौत हो गई।
हालांकि अस्पताल के बायोमेडिकल इंजीनियर के मुताबिक सप्लाई में कोई दिक्कत नहीं हुई। आक्सीजन का फ्लो भी पर्याप्त था। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि आक्सीजन सप्लाई में कोई गड़बड़ी नहीं हुई, दोनों मरीज कोविड पेशेंट हैं और अति गंभीर स्थिति में थे। उनकी मौत अन्य बीमारियों के कारण हुई है। जानकारी के अनुसार ऑक्सीजन प्लांट में आई खराबी की सूचना प्रशासनिक अधिकारियों ने फोन पर मिलने के बाद तुरंत ही बायोमेडिकल इंजीनियर और टेक्निकल टीम को बुलाया। टीम द्वारा प्रेशर लो होने के कारणों की छानबीन कर प्लांट को ठीक करने की कोशिश ही शुरू कर दी गई। अस्पताल सूत्रों की मानी जाये तो हमीदिया अस्पताल के कोविड ब्लॉक में बुधवार तक 109 कोरोना मरीज भर्ती है। इनमें से 14 मरीज आईसीयू में और 13 गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। अस्पताल में सुबह लगभग 10:30 बजे ऑक्सीजन प्लांट में अचानक खराबी आ गई। इसकी सूचना मिलने पर अस्पताल प्रबंधन के हाथ पैर फूल गए और तुरंत ही डॉक्टर टेक्निकल स्टाफ को फोन कर अस्पताल बुलाया गया। जब तक टीम अस्पताल पहुंचकर खराबी को दूर करती तब तक वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखे गए दो मरीजों की मौत हो गई। खबर लिखे जाने तक पुलिस अधिकारी इस मामले में कुछ भी कहने से बचते नजर आए। बताया जा रहा है कि पीएम रिपोर्ट आने पर ही मौत के कारणों का खुलासा होगा, जिसके आधार पर पुलिस आगे की जांच कर कार्यवाही करेगी। इस बीच सूत्रों ने कहा कि खराबी की सूचना मिलने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने आनन-फानन में डॉक्टर्स और टेक्नीकल स्टाफ को फोन कर अस्पताल बुलाया गया। लेकिन मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह और वीआईपी मूवमेंट की वजह से कई रास्ते पुलिस ने रोक दिए। इस वजह से स्टाफ को अस्पताल पंहुचने में परेशानी का सामना करना पड़ा।

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