सुपर साइक्लोन ‘अम्फान’ के 195 किमी की रफ्तार से समुद्री तटों से टकराने का अनुमान

भुवनेश्वर, चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ की दस्तक भारत के तटीय क्षेत्रों में हो गई है। 195 किमी की रफ्तार से यह तूफान समुद्री तटों से टकराएगा। इस तूफान का नाम थाईलैंड ने दिया है। इस तरह का सुपर साइक्लोन अपने पीछे बर्बादी छोड़ जाता है। यह तूफान साल 2014 में आए ‘हुदहुद’ तूफान से काफी भयावह और विध्वंसक हो सकता है। 2014 में ‘हुदहुद’ ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा जैसे तटीय राज्यों के अलावा उत्तर प्रदेश समेत कई मैदानी राज्यों में भी भयंकर तबाही मचाई थी। अम्फान 19-20 मई को पश्चिम बंगाल के दीघा और बांग्लादेश के हटिया द्वीप के बीच तट से टकराएगा। इसका असर गुरुवार तक रहेगा। जानमाल के नुकसान रोकने के लिए एनडीआरएफ की 53 टीमें तैनात की हैं। तटीय गांव खाली कराए जा रहे हैं। समुद्र के किनारे न जाने की सलाह है। रेल और बस सेवाओं के रूट बदले गए हैं।
इस तूफान के सोमवार रात ही आंध्रप्रदेश और ओडिशा के तटीय इलाकों से गुजरने के आसार हैं। इस दौरान ओडिशा, प. बंगाल, सिक्किम, असम और मेघालय में 21 मई तक भारी बारिश और आंधी-तूफान की चेतावनी जारी की गई है। एनडीआरएफ के महानिदेशक एसएन प्रधान ने सोमवार को बताया कि ‘अम्फान’ को हल्के में नहीं लिया जा रहा है क्योंकि ऐसा दूसरी बार हुआ है जब भारत बंगाल की खाड़ी में आये प्रचंड चक्रवातीय तूफान का सामना कर रहा है। कच्चे मकान, मकानों की कच्ची छतों, नारियल के पेड़ों, टेलीफोन और बिजली के खंभों को गंभीर क्षति पहुंच सकती है। 1999 के सुपर साइक्लोन ने 9,000 से अधिक लोगों की जान ले ली थी।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक एम. महापात्र ने कहा कि 1999 में ओडिशा तट पर आए प्रचंड चक्रवातीय तूफान के बाद यह उस श्रेणी का दूसरा तूफान है। उन्होंने बताया कि ‘अम्फान’ के तट से टकराने के दौरान हवा की गति 195 से 200 किलोमीटर प्रति घंटा रहने का अनुमान है और यह आबादी वाले इलाके को प्रभावित करेगा। एयरफोर्स के सी-131 विमानों को भी तैयार रहने को कहा गया है। जरूरत पड़ने पर सेना की भी मदद ली जाएगी। एनडीआरएफ की टीमें राज्यों में अलर्ट मोड में है। ‘अम्फान’ के बांग्लादेश के दक्षिणी तट की ओर बढ़ने के बीच यहां की सरकार ने सोमवार को करीब 20 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का आदेश दिया है। आपदा प्रबंधन मंत्रालय के सचिव शाह कमाल ने कहा कि दक्षिण-पश्चिमी अति प्रभावित 19 जिलों के प्रशासन को लोगों की जान बचाने के लिए सभी तैयारियां करने को कहा गया है।
अम्फान के कारण मूसलाधार बारिश और बाढ़ की आशंका है। सुपर साइक्लोन के कारण समुद्र के जलस्तर में भी होती है वृद्धि। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने ने कहा, अम्फान ओडिशा में 1999 में तूफान के बाद दूसरा सुपर साइक्लोन (चक्रवाती तूफान) है। वह ऐतिहासिक रूप से सबसे तीव्र चक्रवाती तूफान था। 1999 के सुपर साइक्लोन ने 9,000 से अधिक लोगों की जान ले ली थी। मौसम विभाग ने तटीय पश्चिम बंगाल और ओडिशा के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जहां इससे व्यापक नुकसान होने की आशंका है। आईएमडी ने बताया है कि पश्चिम बंगाल के दक्षिण और उत्तर परगना, पश्चिम और पूर्व मेदिनीपुर, हुगली, हावड़ा और कोलकाता जैसे पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में बारिश 19 मई से शुरू होगी और 55 से 65 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलेगी। ज्वार की लहर खगोलीय ज्वार से चार से छह फीट ऊपर होने की उम्मीद है। सुपर साइक्लोन के आने के बाद भारी बारिश से लेकर बेहद भारी बारिश का कारण बनेगा और साथ ही 165 से 195 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलेगी। इस हवा की गति बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा सकती है।

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