औषधीय गुणों से भरपूर त्रिफला चूर्ण का करें सेवन रहें स्वस्थ्य

( डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन द्वारा ) उत्तम औषधि के बारे में चरक महोदय ने लिखा हैं – बहुता तत्र योग्यत्वमानेकविधकल्पना .सम्पच्चेति चतुष्कोयं द्रव्याणां गुण उच्यते .1 औषधियों का अधिक रूप में प्राप्त होना 2 औषधियों का व्याधिनाश में समर्थ होना 3 एक ही औषधि में अनेकविध कल्पना की योग्यता होना 4 औषधियों का अपने रस गुण वीर्य विपाक गुणों से युक्त होना ये चारों उत्तम औषधियों के गुण माने जाते हैं .त्रिफला यह औषधि सब परीक्षा में खरी उतरती हैं . भारत में आज भी ऐसे कई सारे लोग हैं जो अंग्रेजी दवाओं का सेवन ना करके कई सारे फल और जड़ी बूटियों से बनने वाली औषधि का प्रयोग अपने स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने के लिए करते हैं। इन औषधियों में ऐसे गुणकारी असर भी होते हैं जो स्वास्थ्य समस्या से बचाए रखने में सक्रिय रूप से अपनी भूमिका अदा करते हैं। ऐसा ही एक गुणकारी चूर्ण का नाम त्रिफला है। त्रिफला चूर्ण आंवला, बहेड़ा और हरड़ से मिलकर तैयार होता है। इन तीनों से तैयार होने के कारण यह चूर्ण औषधीय गुणों से और भी भरपूर हो जाता है जिसका सेवन आपको कई बीमारियों से बचाए रख सकता है जिसके बारे में नीचे आपको पूरी जानकारी दी जा रही है।
डायबिटीज के लिए मददगार
जिन लोगों को डायबिटीज से बचे रहना है उनके लिए भी यह चूर्ण काफी फायदेमंद साबित हो सकता है क्योंकि इसके नियमित सेवन से खून में मौजूद ब्लड ग्लूकोज का स्तर काफी कम हो जाता है। जिसके कारण यह डायबिटीज के खतरे से आपको बचा सकता है। इसके अतिरिक्त इसमें एंटी डायबेटिक गुण भी पाया जाता है, जो टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम से भी बचाए रखने में मदद कर सकता है।
डिटॉक्स के रूप में
डिटॉक्सीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत शरीर में मौजूद हानिकारक गंदगी बाहर निकलती है। यह आपके शरीर के विभिन्न अंगों को सक्रिय रूप से चलाने के लिए बहुत जरूरी है जिसके लिए त्रिफला चूर्ण का सेवन काफी उपयोगी साबित होगा। इसके लिए आप रात में त्रिफला चूर्ण को एक गिलास पानी में घोलकर पीएं। आपको कुछ ही दिन में इसका असर देखने को मिलेगा।
इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए
रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए भी त्रिफला चूर्ण का सेवन काफी फायदेमंद रहेगा। दरअसल, इसमें इम्यूनिटी माड्यूलेट्री एक्टिविटी पाई जाती है जो इम्यून सेल्स को एक्टिव करके उन्हें मजबूत बनाने में मदद करती है। वहीं, इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट एक्टिविटी भी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में सक्रिय रूप से काम कर सकती है।
ओरल हेल्थ के लिए
ओरल हेल्थ से जुड़ी किसी भी परेशानी का हल निकालने के लिए भी आप त्रिफला चूर्ण का इस्तेमाल करके इसका फायदा देख सकते हैं। वैज्ञानिकों के द्वारा भी इस पर अध्ययन किया जा चुका है और इस बात की पुष्टि भी की गई है कि इसका सेवन करने से ओरल हेल्थ में काफी हद तक सुधार किया जा सकता है। दरअसल, त्रिफला चूर्ण में एंटीकैरीज एक्टिविटी पाई जाती है जो दांतों को खराब होने से बचाए रखने का गुण रखता है। इसके अलावा अगर ब्रश करते हुए आपके मसूड़ों से खून निकलने लगता है तो इस समस्या से निजात पाने के लिए भी आप त्रिफला चूर्ण का इस्तेमाल कर सकते हैं।
कब्ज के लिए
आपके घर में कोई बुजुर्ग होंगे तो वह जरूर किसी ना किसी चूर्ण का रात में खाना खाने के बाद सेवन करते होंगे। हो सकता है कि कुछ लोग त्रिफला चूर्ण का भी सेवन कर रहे हों जिसका वैज्ञानिक कारण भी है। कब्ज की समस्या सही खान-पान न करने के कारण आजकल युवाओं में भी देखने को मिलने लगी है। दरअसल, इसमें गैलिक एसिड की मात्रा पाई जाती है जो कब्ज की समस्या से आपको राहत दिला सकता है। कब्ज की समस्या से राहत पाने के लिए आप गर्म पानी में एक चम्मच त्रिफला चूर्ण मिलाकर रोजाना पीएं।
आंखों के लिए
तीन प्रकार के विशेष औषधीय गुणों वाले फल और जड़ी बूटी से तैयार होने के कारण त्रिफला चूर्ण का सेवन आंखों के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभदायक रहेगा। दरअसल, इस चूर्ण में पौष्टिक तत्व मिनरल्स मौजूद होते हैं। इसके लिए आपको त्रिफला चूर्ण का सेवन पानी के साथ करना होगा जो टॉनिक के रूप में आंखों में एक तरह का एंटीऑक्सीडेंट बढ़ाता है जो आंखों की रोशनी को सही बनाए रखने के साथ-साथ अन्य नेत्र रोगों से भी बचाए रखता है। त्रिफला चूर्ण बनाना बहुत सरल हैं और इन दिनों हरड़ बहेड़ा और आमला सुगमता से मिल जाते हैं उनको सामान मात्रा में लेकर ,साफ़ करके पीस कर एक एयर टाइट डब्बी में रख ले।यह रसायन हैं।

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