जबलपुर,कोराना वाइरस के संक्रमण के चलते रक्तदान शिविरों के आयोजन पर लगी रोग का असर ब्लड बैंकों पर पडऩे लगा है। जिसके कारण गंभीर बीमारियों के मरीज खून पाने तरस रहे हैं। हालात तो इस कदर बदतर हैं कि शासकीय व निजी अस्पतालों में भी भर्ती मरीजों को भी ब्लड नहीं मिल रहा है। जिससे मरीज व उनके परिजनों को कई दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। शहर में कोरोना के संक्रमण की आशंका के मद्देनजर लगाई गई धारा १४४ के कारण निजी संस्थाओं को रक्तदान शिविर व जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करने में बेहद परेशानी हो रही है। कोराना संक्रमण के कारण रक्तदाताओं की कमी आने से ब्लड बैंकों में भी संग्रहित ब्लड यूनिट में गिरावट देखी जा रही है। जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में ५० यूनिट ब्लड है वहीं एल्गिन अस्पताल के ब्लड बैंक में ७० यूनिट ब्लड है। इसके अलावा नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडीकल अस्पताल के ब्लड बैंक में महल ३४ यूनिट ही ब्लड बचा है।
थैलेसीमिया व सिकल सेल के मरीज प्रभावित
विक्टोरिया अस्पताल में आने वाले थैलेसीमिया व सिकल सेल के मरीजों को ब्लड नहीं मिल रहा है। इसकी वजह इन अस्पतालों के ब्लड बैंकों में ब्लड न होना है। थैलीसीमिया से पीडि़त मरीजों को हर माह २-३ यूनिट ब्लड की जरूरत होती है। इधर समाजसेवियों का कहना है कि उन्हें थैलीसीमिया पीडि़त मरीजों को ब्लड उपलब्ध कराने में कोरोना संक्रमण के कारण परेशानी हो रही है। लेकिन वे पूरा सहयोग प्रदान कर रहे हैं।