आज से बासंतेय नवरात्र के साथ ही नवसंवत्सर 2077 की शुरूआत, बुध होंगे राजा और चंद्रमा मंत्री

( सुनील साहू द्वारा ) शक्ति की आराधना का महापर्व चैत्र नवरात्र की शुरूआत आज 25 मार्च से हो रही है। इसी के साथ ही नवसंवत्सर 2077, गुडी पडवा, चैटी चांद की भी शुरूआत हो रही है। विक्रम नवसंवत्सर का राजा बुध और मंत्री चंद्र रहेंगे। इस बार के नवसंवत्सर का नाम प्रमादी रहेगा। मान्यता है कि चैत्र माह की उसी दिन जो वार होता है, वही नवसंवत्सर का राजा माना जाता है। इस बार की नवरात्रि कोरोना वायरस के साये में मनाई जायेगी। शहर के अनेक अधिकांश देवी मंदिरों में कोरोना के कारण श्रद्धालुओं की चहल-पहल दिखाई नहीं देगी। भक्तजन लॉक डाउन के कारण घर पर ही पूजन-पाठ कर सकेंगे। तिथि के क्षय न होने से इस बार पूरे नौ दिन की नवरात्रि रहेगी।
मंदिरों में नहीं रहेगी चहल-पहल
विश्व भर में फैल कोरोना वायरस सक्रंमण के कारण देश में भी इसका व्यापक प्रभाव देखा जा रहा है। शहर के प्रमुख मंदिरों में जहां नौ-रात्रि के पहले से तैयारियां शुरू हो जाती थी इस बार शहर की प्रमुख शक्ति पीठों में श्रद्धालुओं को दूर से दर्शन करने को कहा गया है। कहीं-कहीं इस दौरान मंदिरों के पट पूरी तरह से बंद कर दिये गये हैं। लोग घरों में ही इस बार पूजन-पाठ कर सकेंगे।
कैसा रहेगा प्रमादी संवत्सर
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार के नव संवत्सर पर बुध का प्रभाव रहेगा। नव संवत्सर के मंत्री मंण्डल से समाज में सामंजस्य स्थापित होगा। भारत के प्रति विश्व का आकर्षण बड़ेगा। पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा लेकिन उच्च पदस्थ प्रशासकों और सहयोगियों के प्रति असंतोष की स्थिति बनेगी। नवसंवत्सर का राजा बुध होने से तकनीकी क्षेत्र में देश को बड़ी उपलब्धियां प्राप्त होंगी। धन-धान्य में वृद्धि होगी।
बड़ी खेरमाई मंदिर में नहीं भरेगा मेला
महाकोशल क्षेत्र की प्रमुख शक्ति पीठों में से एक मां बड़ी खेरमाई मंदिर भानतलैया में इस बार मंदिर ट्रस्ट समिति ने चैत नवरात्र पर भरने वाले मेले को स्थगित कर दिया है। मंदिर में पूरे नौ दिन शहर और आसपास के श्रद्धालु काफी संख्या में दर्शन के लिये यहां पहुंचते हैं लेकिन कोरोना वायरस के कारण मां के दर्शन के लिये मंदिर परिसर में भीड़ पर पाबंदी लगा दी गई है। अब यहां मंदिर में बने सिंह प्रवेश द्वार से २०-२० की संख्या में श्रद्धालुजन माता के दर्शन कर सकेंगे।
फल, फलाहारी सामान के दाम आसमान पर
कोरोना वायरस के सकं्रमण को देखते हुए पूरे जबलपुर में लॉकडाउन के कारण शहर की दुकानें बंद हैं। फल और पूजन सामग्री की कुछ ही दुकानें खुली हुई हैं। जिसके कारण जहां उपवास में लगने वाली फलों की कीमते आसमान छू रही हैं। वहीं फलाहारी सामग्री भी महंगे दाम में मिल रही है। यही हाल फूल मालाओं का है इसके बावजूद लोग नवरात्रि के लिये सामग्री खरीद रहे हैं।
घट, कलश स्थापना का शुभ मुर्हूत
सुबह 6.16 बजे से 10.47 बजे तक शुभ।
दोपहर 12.20 से 1.51 बजे तक लाभ।
दोपहर 1.51 से 3.51 बजे तक अमृत।
शाम 4.52 बजे से 6.23 बजे तक शुभ।
पंडित वासुदेव शास्त्री ज्योतिषाचार्य
चंचल- प्रात: 7.48 से 9.18 बजे तक।
लाभ-प्रात: 9.18 से 10.47 बजे तक।
अमृत-प्रात: 10.47 बजे से 12.17 बजे तक।
शुभ-दोपहर 1.47 बजे से 3.16 बजे तक।

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