भोपाल, 15 फरवरी को जब भाजपा आलाकमान ने खजुराहो सांसद वीडी शर्मा को मप्र भाजपा का अध्यक्ष नियुक्त किया तो इसका दबी जबान में पार्टी के ही कुछ नेताओं ने विरोध भी किया था। लेकिन शर्मा भाजपा और उसके कुछ नेताओं के लिए भाग्यशाली साबित हुए हैं।
वीडी शर्मा के पदभार संभालते ही उनके सामने मंदसौर नपा उपचुनाव था। उस चुनाव में वैसे तो शर्मा ने कुछ खास नहीं किया, लेकिन पार्टी को जीत मिली। इस जीत को वीडी शर्मा का शानदार स्वागत माना गया।
कमलनाथ सरकार पर मंडराया संकट
जब शर्मा ने भाजपा अध्यक्ष का पदभार संभाला उस समय 121 विधायकों के समर्थन के साथ कमलनाथ सरकार निर्विवाद और निर्वाध चल रही थी। लेकिन इसे संयोग ही कहा जाएगा कि शर्मा ने प्रदेश भाजपा कार्यालय में कमलनाथ सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया और इसके साथ ही कांग्रेस सरकार के पतन की शुरूआत हो गई।
शर्मा भले ही ऑपरेशन लोटस में शामिल नहीं थे, लेकिन कमलनाथ सरकार गिरने के घटनाक्रम को उनके भाग्य से जोड़ा जा रहा है। भाजपा के एक प्रवक्ता इस बात को स्वीकार भी करते हैं कि जब से वीडी भाई अध्यक्ष बने हैं भाजपा का भाग्योदय शुरू हो गया है।
अब शिवराज के लिए बने भाग्यशाली
वीडी शर्मा भाजपा के साथ ही शिवराज सिंह चौहान के लिए भी भाग्यशाली साबित हुए हैं। दरअसल, प्रदेश में कांग्रेस सरकार के गिरने के बाद भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए कई नेता दावेदार थे। संभावना जताई जा रही थी कि आलाकमान इस बार किसी अन्य नेता को मुख्यमंत्री बना सकता है, लेकिन जब मौका आया तो शिवराज के नाम चौथी बार लॉटरी लग गई। भाजपा नेताओं का दावा है कि 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भी वीडी भाई भाजपा के लिए भाग्यशाली साबित होंगे और पार्टी सभी सीटे जीतेगी।
32 साल से राजनीति में सक्रिय हैं शर्मा
विष्णु दत्त शर्मा का जन्म 1 अक्टूबर 1970 को मुरैना जिले के सुरजनपुर गांव में हुआ। करीब 32 साल से राजनीति में सक्रिय हैं। शुरुआत एबीवीपी से की। चंबल क्षेत्र में भाजपा का बड़ा ब्राह्मण चेहरा माने जाते हैं। संघ के भी चहेते हैं। शर्मा ने अपने राजनीतिक करियर के दौरान कई आंदोलन किए। भ्रष्टाचार के खिलाफ पदयात्रा भी निकाली, जो बालाघाट से शुरू हुई थी। उन्होंने नर्मदा में प्रदूषण को लेकर भी काफी अध्ययन किया और एनजीटी में मामला भी दायर किया था। शर्मा की पहचान जमीनी नेता के रूप में होती है।