सुप्रीम कोर्ट ने SC-ST एक्ट पर केंद्र के फैसले पर लगाई मुहर, अब नहीं मिलेगी अग्रिम जमानत

नई दिल्ली,एससी-एसटी (अत्याचार निवारण) संशोधन कानून, 2018 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के फैसले पर मुहर लगा दी है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि इस एक्ट में तुरंत गिरफ्तारी का प्रावधान जारी रहेगा और इस कानून के तहत किसी व्यक्ति को अग्रिम जमानत नहीं मिलेगी। जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस विनीत शरण और जस्टिस रवींद्र भट्ट की पीठ ने 2-1 से फैसला सुनाया है।
दरअसल, 20 मार्च 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट के गिरफ्तारी के प्रावधान को हल्का कर दिया था और अग्रिम जमानत का प्रावधान कर दिया था। इसके बाद दलित संगठनों की मांग पर सरकार ने कानून में संशोधन करके एसटी-एसटी कानून के तहत गिरफ्तार आरोपी को अग्रिम जमानत देने के प्रावधान को खत्म कर दिया था। इस तरह ताजा फैसले में शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार द्वारा उसके पहले के फैसले में किए गए संशोधन को बरकरार रखा है।
सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट की व्याख्या करते हुए कहा अपने पूर्व फैसले में कहा था कि सरकारी कर्मचारी-अधिकारी पर आरोप लगा है तो उनकी गिरफ्तारी से पहले विभाग से अनुमति लेनी होगी और आम नागरिक पर आरोप है, तो एसएसपी स्तर के पुलिस अधिकारी से अनुमति लेनी होगी। साथ ही एफआईआर से पहले प्रारंभिक जांच का प्रावधान कर दिया था। इसके बाद सरकार ने संसद के जरिए कानून में बदलाव किया और पहले के कानूनी प्रावधान को फिर से बहाल कर दिया। इस कानूनी बदलाव को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी जिस पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।

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