एनसीसी कैडेट्स को संबोधित करते हुए मोदी बोले परेशानियों को छोड़ दे यह हमारी कार्यसंस्कृति नहीं

नई दिल्ली, नई दिल्ली में मंगलवार को एनसीसी कैडेट्स को संबोधित कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पड़ोसी देश पाकिस्तान का बिना नाम लिए कड़ी चेतावनी दी। पीएम मोदी ने कहा कि पड़ोसी देश जानता है कि वह भारत से तीन-तीन युद्ध हार चुका है। भारतीय सेना चाहे तो हफ्ते 10 दिन में धूल चटा सकती है। इस मौके पर मोदी ने कांग्रेस, सहित विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा कि पहले की सरकारों ने दशकों तक संसद में नागरिकता संशोधन कानून बिल, एनिमी प्रॉपर्टी बिल लटकाए रखे और अपनी वोट बैंक की राजनीति करते रहे। मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा, हम जानते हैं कि हमारा पड़ोसी देश हमारे खिलाफ 3-3 युद्ध हार चुका है। हमारी सेनाओं को 10 से 12 दिनों का वक्त लगेगा उन्हें धूल चटाने में। अब वह दशकों से भारत के खिलाफ प्रॉक्सी वॉर कर रहा है। इसमें कई नागरिकों की जान जा रही है, हमारे जवान शहीद हो रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा, पहले की कांग्रेस की सरकारें सोचती थीं कि आतंकवाद, बम धमाके लॉ एंड ऑर्डर की दिक्कत है। भारत मां लहूलुहान होती गई। बातें बहुत हुईं, भाषण बहुत हुए लेकिन जब हमारी सेना एक्शन के लिए कहती तो उन्हें मना कर दिया जाता। पीएम मोदी ने कहा, आज युवा सोच है, युवा मन के साथ देश आगे बढ़ रहा है,इसकारण वहां सर्जिकल स्ट्राइक करता है, एयर स्ट्राइक करता है और आतंक के सरपरस्तों को उनके घर में जाकर सबक सिखाता है।’
सीएए पर विरोधी दलों खासकर कांग्रेस की घेराबंदी करते हुए पीएम मोदी ने कहा,पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों पर जुर्म होता रहा है। इन देशों के अल्पसंख्यकों के लिए भारत का दायित्व था कि उन्हें शरण दें लेकिन उससे मुंह फेर लिया गया। भारत के पुराने वादों को पूरा करने के लिए हमारी सरकार सीएए लेकर आई, उन लोगों को नागरिकता दे रही है तो कुछ दल अपने वोट बैंक की राजनीति करने में लगे हैं। आखिर किसके लोगों के हित में काम कर रहे हैं।
मायावती पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा, कुछ लोग खुद को दलितों का हितैषी बताते हैं। उन लोगों को पाकिस्तान में दलितों का अत्याचार दिखाई नहीं होता। ये भूल जाते हैं कि जो पाकिस्तान में अत्याचारों से भागकर आएं है, उनमें से ज्यादातर दलित भाई हैं। वहां की सेना ने एक विज्ञापन छपवाया था। यह विज्ञापन सफाई कर्मचारियों की भर्ती के लिए था। उसमें क्या लिखा था, उसमें लिखा कि सफाई कर्मचारी के लिए वहीं आवेदन कर सकते हैं जो मुस्लिम नहीं है। यानी इसका सीधा मतलब है कि हमारे इन्हीं दलित भाई-बहनों के लिए ये विज्ञापन था। इसी काम के लिए हिंदुस्तान के लोगों का उपयोग हो रहा है और हम चुप बैठे रहे।’
सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में हुए बोडो समझौते का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा,सिर्फ जम्मू-कश्मीर ही नहीं, पूरे देश में शांति होती जा रही है। पहले नॉर्थ ईस्ट के साथ पिछली सरकारों ने जिस तरह की नीति अपनाई गई, आप जानते हैं। दशकों तक वहां के लोगों की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को नजरअंदाज किया गया। वहां की समस्या और चुनौतियों को अपने हाल में छोड़ दिया। 5-6 साल दशक तक वहां कई क्षेत्रों में उग्रवाद की समस्या बनी रही। कई संगठन बनते गए जो हिंसा में विश्वास करते हैं लोकतंत्र में नहीं, इसमें कई सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए। पीएम मोदी ने कहा, हम उन्हें इसतरह ही छोड़ देते यह हमारी कार्यसंस्कृति नहीं है।

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