इन्दौर, प्रेस्टीज आद्योगिक एवं शिक्षण समूह के पितृ पुरुष एवं डॉ. नेमनाथ जैन को गणतंत्र दिवस के पूर्व संध्या पर भारत सरकार द्वारा देश में कृषि, सोयाबीन एवं शिक्षा के विकास तथा समाज सेवा के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए वर्ष 2020 के पद्मश्री सम्मान से विभूषित किया गया है।
सोया मेन ऑफ़ इंडिया के नाम से विख्यात डॉ. नेमनाथ जैन भारत के विभाजन के पश्चात 16 वर्ष की अवस्था में पाकिस्तान से इन्दौर आकर बस गए। मध्यप्रदेश की प्रख्यात इंजीनियरिंग कॉलेज एसजीएसआईटीएस से इंजीनियरिंग करने के पश्चात कुछ समय तक उन्होंने नौकरी की। तत्पश्चात उन्होंने प्रेस्टीज आद्योगिक समूह की स्थापना की जो आगे चल कर सोयाबीन प्रसंस्करण एवं सोया उत्पादों के निर्माण में देश एवं मध्य भारत की सबसे प्रतिष्ठित कंपनियों में शुमार हो गई। वर्ष 1994 में उनके द्वारा आधुनिकतम प्रबंध शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रेस्टीज इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड रिसर्च की स्थापना की गई, जो वर्तमान में देश की अग्रणी बिज़नेस स्कूलों में शुमार है। मध्य प्रदेश को सोयाबीन के क्षेत्र में वैश्विक पहचान देने के लिए उन्होंने अग्रणी भूमिका निभाई और उन्हीं के अथक प्रयासों के कारण आज मध्य प्रदेश सोया राज्य के नाम से जाना जाता है।
प्रेस्टीज समूह के संस्थापक डॉ. नेमनाथ जैन को पद्मश्री सम्मान
