नई दिल्ली, रेल टिकट घोटाले को लेकर कई चौंकानेवाली जानकारी सामने आई हैं। इस फ्रॉड का मास्टरमाइंड रेलवे पुलिस फोर्स के चीफ तक भी पहुंच गया है। आरोपी ने आरपीएफ चीफ को भेजे संदेश में दावा किया कि रेलवे के आईटी सिक्यॉरिटी सिस्टम में बहुत सारी गड़बड़ियां हैं। दुबई में रह रहे मास्टरमाइंड ने आरपीएफ को सुझाव दिया है कि यदि उसे दो लाख रुपए प्रतिमाह दिए जाएं तो वह सुरक्षा संबंधी सारी कमियां दूर कर देगा।
मुख्य आरोपी हामिद अशरफ इस समय दुबई में है और उसका कहना है कि उसके जैसे कुछ लोगों को पकड़ लेने से यह धंधा खत्म नहीं होगा। अशरफ का कहना है कि कुछेक लोगों को पकड़ने से कोई लाभ नहीं होनेवाला। थोड़े दिनों बाद कुछ दूसरे लोग ऐसा ही कोई सिंडिकेट खड़ा कर लेंगे। हामिद का दावा है कि आईआरसीटीसी के सिस्टम में सुरक्षा के लिहाज से काफी झोल हैं और कुछ और लोग ऐसा अवैध सॉफ्टवेयर डेवलप कर लेंगे।
गुलाम मुस्तफा की गिरफ्तारी के बाद रेलवे पुलिस फोर्स मास्टरमाइंड को पकड़ने के लिए खास योजना पर काम कर रही है। अशरफ सन 2016 में इसी तरह के रेल ई-टिकटिंग फ्रॉड केस में गिरफ्तारी के बाद जब जमानत पर बाहर आया था तो देश छोड़ कर भाग गया था। जिस वक्त उसने ई-टिकटिंग में फ्रॉड किया था, उस समय वह 12वीं का छात्र था। वॉट्सएप ब्रॉडकास्ट के जरिए इस शातिर फ्रॉड ने अपने जुर्म का खुलासा किया। उसने दावा किया है कि आईआरसीटीसी जिस सेंटर फॉर रेलवे इन्फॉर्मेशन सिस्टम का का इस्तेमाल करता है उसके सिक्यॉरिटी सिस्टम में कई तरह की कमियां हैं। अपने को बेकसूर बताते हुए उसका कहना है, एजेंसी ने सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए और अब ऐसी घटनाओं के लिए मुझे जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
लोगों को इससे कुछ फर्क नहीं पड़ता कि मैंने क्या डिटेल शेयर किए हैं। इस मामले में अब सारी जिम्मेदारी मुझ पर नहीं डाली जा सकती। यही संदेश उसने टेक्स्ट मेसेज के जरिए आरपीएफ के डायरेक्टर जनरल अरुण कुमार को भी भेजा। आरपीएफ के डीजी ने इस फ्रॉड की जानकारी देते हुए कहा था कि आशंका है कि इस पैसे का इस्तेमाल टेरर फंडिंग के लिए किया जाता है। आरपीएफ डीजी को भेजे मेसेज में उसने लिखा अगर आप ऐसे इंटरव्यू टीवी चैनल को देते रहेंगे तो कोई लड़की मुझसे शादी नहीं करेगी। उसने रेलवे को ऑफर दिया है कि सुरक्षा खामियों को वह दूर कर सकता है अगर उसे 2 लाख रुपए हर महीने दिए जाएं।