सांसद प्रज्ञा ठाकुर को संदिग्‍ध पत्र भेजने वाला नांदेड का होम्‍योपैथिक डॉक्‍टर है, जो प्रायवेट क्‍लीनिक चला रहा

भोपाल, सांसद सुश्री प्रज्ञा ठाकुर के निवास पर पाउडर जैसे रासायनिक पदार्थ एवं कुछ फोटो के साथ एक अज्ञात पत्र प्राप्‍त होने की घटना का मध्‍यप्रदेश पुलिस के एटीएस (आतंक विरोधी दस्‍ता) द्वारा गंभीरता से जाँच की गई है। एटीएस द्वारा की गई छानबीन में प्रथम दृष्‍टया दो संदेही हफीजर्उरहमान एवं नासेहा बेगम के नाम सामने आए थे। एटीएस द्वारा बारीकी से की गई जाँच में धनेगांव नांदेड निवासी एक अन्‍य संदेही सैयद अब्‍दुल रहमान की पहचान हुई है। अब्‍दुल रहमान पेशे से होम्‍योपैथिक डॉक्‍टर है, जो नांदेड में प्रायवेट क्‍लीनिक चलाता है।
अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक एटीएस राजेश कुमार गुप्‍ता ने बताया अभी तक की पूछताछ में यह बात सामने आयी है कि आरोपी सैयद अब्‍दुल र‍हमान का अपने भाई हफीजर्उरहमान एवं माँ नासेहा बेगम के साथ सम्‍पत्ति और शादी की वजह से विवाद चल रहा था। अनबन होने से अब्‍दुल रहमान के खिलाफ उसके भाई ने वर्ष 2014 में नांदेड में हत्‍या के प्रयास संबंधी रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें आरोपी को 18 दिन जेल में भी रहना पड़ा था। इन सभी बातों से परेशान होकर आरोपी अब्‍दुल रहमान ने अपने भाई हफीजर्उरहमान, माँ नासेहा बेगम तथा इन सभी का साथ देने वाले निकट संबंधियों व पड़ौसियों से बदला लेने की नीयत से कूट रचित दस्‍तावेज तैयार किए और इन सभी को फसाने का कुचक्र रचा।
अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक श्री गुप्‍ता ने बताया कि जाँच में पता चला है कि आरोपी अब्‍दुल रहमान ने वर्ष 2019 में एक पत्र अंसार उल मुसलमीन नामक संगठन के नाम से अपने भाई के कॉलेज के चांसलर को भेजा था, जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उसके द्वारा नांदेड के पुलिस अधीक्षक व डीएसपी को भी पत्र भेजे गए थे, मगर इन पत्रों को भी संज्ञान में नहीं लिया गया अर्थात इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद आरोपी अब्‍दुल रहमान ने इंटरनेट पर खोजबीन कर अक्‍टूबर 2019 में कश्‍मीर के बीजेपी नेता, साध्‍वी प्राची एवं भोपाल की सांसद सुश्री प्रज्ञा ठाकुर को पत्र भेजे।
श्री गुप्‍ता ने बताया अब्‍दुल रहमान द्वारा सांसद सुश्री प्रज्ञा ठाकुर को भेजे गए लिफाफे में उर्दू भाषा का एक पत्र, अपने भाई हफीजर्उरहमान की मार्कशीट व अन्‍य दस्‍तावेज एवं माँ नासेहा बेगम का वोटर आईडी कार्ड रखे थे। इन सभी दस्‍तावेजों को आरोपी अब्‍दुल रहमान द्वारा कूटरचित कर भेजा गया था, ताकि भाई और माँ को फसाया जा सके। लिफाफे में आरोपी द्वारा अपने निकट संबंधियों एवं परिवार का साथ देने वाले पड़ौसियों के नाम और फोटो भी भेजे गए थे। उसने कुछ फोटो इंटरनेट से एवं कुछ फोटो व्‍हाटसएप डीपी से प्राप्‍त किए थे। पत्र के साथ अगरबत्‍ती के पै‍केट के अंदर वाले पॉलीथीन के पाउच में एक पाउडर जैसा रासायनिक पदार्थ भी भेजा था, जिसे आरोपी ने पटाखों की दुकान पर मिलने वाले बच्‍चों के छोटे पटाखों के अंदर वाली बारूद होना बताया। पत्र के अंदर प्राप्‍त मटेरियल को जाँच के लिए एफएसएल भेजा गया है।

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