भोपाल, प्रदेश भर के सियासी ओर प्रशासनिक गलियारो मे भूचाल ला देने वाले हनीट्रैप मामले की मास्टरमांइड कही जा रही श्वेता विजय जैन को सोमवार को आयकर विभाग के समन पर पूछताछ के लिए होशंगाबाद रोड स्थित आयकर दफ्तर लाया गया। उससे आईसीआईसीआई बैंक के लॉकर से मिले 43 लाख रुपए की नकदी के साथ ही अन्य लोगो से लेनदेन के बारे मे पूछताछ की गई। जानकारी के अनुसार श्वेता को इंदौर जेल से जेल वाहन में ही लाया गया। सुबह 9 बजे इंदौर से निकली गाड़ी करीब 2 बजे भोपाल पहुंची जहॉ उनसे कई घंटो बाद तक देर शाम तक पूछताछ जारी थी। इस दोरान करीब 2 बजे आयकर दफ्तर पहुंची श्वेता विजय जैन ने मीडिया के सवालो के जवाब मे सिर्फ इतना ही कहा कि इस पूरे मामले पर वह जेल से बाहर आने के बाद अपनी बेगुनाही साबित करेगी, ओर जेल से बाहर आने पर सब कुछ बताउंगी। गोरतलब है कि सोनागिरी स्थित आईसीआईसीआई बैंक के लॉकर से हनीट्रैप मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी ने 43 लाख रुपए की राशि और लेन-देन के दस्तावेज जब्त किए थे। आयकर विभाग द्वारा जानकारी मांगे जाने पर एसआईटी ने इस पूरी जांच के दौरान मिली नकदी की डिटेल आयकर विभाग को सौंपी थी। इसी आधार पर पिछले हफ्ते श्वेता विजय जैन को पूछताछ के लिए समन भेजा गया था। इस मामले मे आयकर विभाग के ज्वाइंट कमिश्नर वेदांत कंवर श्वेता से पूछताछ कर रहे हैं। खबर लिखे जाने तक करीब पांच घंटो से अधिक समय बीत जाने तक पुछताछ जारी थी। इस दोरान किसी अधिकारी ने मीडीया से कोई बातचीत नही की, वही सुत्रो के अनुसार अधिकारियो द्वारा हनी ट्रैप में फंसे अधिकारियों और नेताओं से लेनदेन को लेकर जप्त किये गये पूरे रिकॉर्ड के बारे मे श्वेता से सवाल किये गये हैं। सुत्र बताते है कि कई सवालो के जवाब मे श्वेता ने चुप्पी साधे रखी, वही कई सवालो के जवाब काफी सोच समझकर दिये। वही आयकर विभाग की पुछताछ से आने वाले समय मे कई ओर सनसनीखेज खूलासे होने की उम्मीद है। इस पुछताद के बाद आगे की जाच के दोरान कई रसूख्नदारो के नाम उजागर हो सकते है, जिन पर शिकंजा कस सकता है। उल्लेखनीय है कि मप्र का हनीट्रैप कांड 17 सितंबर को तब पहली बार सामने आया, जब इंदौर नगर निगम में कार्यरत इंजीनियर हरभजन सिंह ने पलासिया थाने में खुद को ब्लैकमेल किए जाने की शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद प्रदेश में फैली हनीट्रैप की करतुते उजागर होनी शुरू हुईं, तब इसमें कई नौकरशाह, राजनेताओं की संदिग्ध भूमिका सामने आई।
अपनी शिकायत में हरभजन सिंह ने दावा किया था, कि उन्हें 29 वर्षीय आरती दयाल नाम की एक महिला द्वारा ब्लैकमेल किया जा रहा था। उक्त महिला ने तीन करोड़ रुपये की रंगदारी की मांग की थी और रकम न चुकाने पर इंजीनियर के कथित अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी भी दी गई थी। पुलिस की जांच पता चला कि एक गैर सरकारी संगठन ने कथित तौर पर राजनेताओं, नौकरशाहों और कई बड़े रसूखदारों को ब्लैकमेल करने के लिए उनके अश्लील वीडियो बनाए हैं। पुलिस ने भोपाल की संदिग्ध मास्टरमाइंड श्वेता स्वप्निल जैन सहित पांच महिलाओं और एक पुरुष को गिरफ्तार किया है। आगे की कार्यवाही मे श्वेता जैन के पास से पुलिस ने लाखो की नगदी , 160 जीबी की हार्ड डिस्क, 5 पेन ड्राइव ओर लाखो के आभूषण मिले थे।