बच्चों की परीक्षाएं आ रही करीब इस प्रकार करायें उसकी तैयारी

नई दिल्ली,परिक्षाएं का मौसम आ रहा है और ऐसे में बच्‍चों के साथ ही उनके अभिभावकों पर भी दबाव रहता है। परीक्षा में बेहतर अंकों के लिए बच्चे साल भर जो तैयारी करते हैं उसका परिणाम बेहतर रहे इसके लिए बच्चों को परीक्षाओं के दौरान तनावरहित रहना चाहिये। इस दौरान अभिभावकों पर भी अहम जिम्मेदारी रहती है। उन्हें ऐसा कुछ भी नहीं कहना चाहिये जिससे बच्चों का मनोबल कमजोर हो। कई बार आत्मखविश्वास की कमी और और तनाव के कारण बच्‍चे अपना उत्‍तर गलत कर देते हैं। उन हालातों में परिणाम क्‍या होगा और कम नंबर आए तो मम्‍मी-पापा क्‍या कहेंगे, इन सब सवालों के कारण बच्‍चे मानसिक रूप से परेशान रहते हैं। ऐसे में अभिभावकों को परीक्षा के समय अपने बच्‍चों का साथ दोस्‍तों की तरह साथ देना चाहिये और उन्‍हें बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित करना चाहिये।
इस प्रकार करें बच्चों की सहायता
बच्‍चे की परीक्षा के 2-3 हफ्ते से पहले ही तैयारी करना शुरु कर दें। उनका पूरा पाठयक्रम देख कर यह निर्णय लें कि उन्‍हें कहां से तैयारी शुरु करनी है।
देर करने से बच्‍चे परीक्षा का समय करीब आते-आते घबराने लगेगें। अच्‍छा होगा कि आप सबसे पहले उन बिंदुओं पर ध्‍यान दें जिसमें आपका बच्‍चा कमज़ोर है।
कामकाजी पेरेंट्स बच्‍चों के ऊपर ज्‍यादा ध्‍यान नहीं दे पाते इसलिए वह अपने बच्‍चों को प्राइवेट ट्यूशन में भेज कर पढ़वाते हैं। इसलिए जब बच्‍चे वापस पढ़ कर आएं तब उनसे क्‍लास में क्‍या-क्‍या पढ़ाया गया है, जरुर पूछें।
जो माताएं बाहर काम कारती हैं, वह घर से निकलने से पहले अपने बच्‍चे को होमवर्क दे कर जाया करें। जब वापस आएं तो उसका होमवर्क जरुर देखें और अगर काम अच्‍छा हो तो उसकी तारीफ भी करें। इसे बच्‍चे का मनोबल बढ़ता है और उसे परीक्षा का दबाव झेलने की ताकत भी आती है।
उसका हमेशा लिखित टेस्‍ट लेती रहा करें। यह एक अच्‍छा माध्‍यम है परीक्षा की तैयारी करने का। सबसे पहले अपने बच्‍चे को एक पाठ रटने के लिए बोलें और फिर उससे वह पाठ पूरा सुने। जब बच्‍चा वह पाठ ठीक से सुना दे तब दूसरे दिन उसका रिटन टेस्‍ट लें।
अगर आपको लगता है कि बच्‍चा मन लगा कर तैयारी नहीं कर रहा है तो उसके प्रति थोड़ा सा सख्‍त व्‍यावहार अपनाएं। उसे परीक्षा में फेल होने के प्ररिणाम बताएं जिससे वह पढ़ाई के प्रति गंभीर हो जाए पर कभी भी बच्‍चे को मारे-पीटे नहीं वरना वह निराश हो जाएगा और पढ़ाई के प्रति उसकी रुचि घट जाएगी।
रिवीजन बहुत जरुरी है। इससे बच्‍चे को पाठ याद रखने में बहुत मदद मिलेगी। हर दूसरे दिन बच्‍चे से पुराना पढ़ाया गया पाठ पूछें। जिस दिन बच्‍चा परीक्षा देने के लिए जा रहा हो तब उसको सुबह जल्‍दी उठा दें और रिवीजन करने को बोलें।

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