लखनऊ, अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर के निर्माण के लिए योजना बनाई जा रही है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने प्रस्तावित राम मंदिर में योगदान करने का फैसला किया है। इसके तहत उसने योजना बनाई है कि क्राउड फंडिंग के जरिए मंदिर का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही विहिप ने एक बार फिर कार सेवा का संकेत दिया है। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने बताया कि राम मंदिर के निर्माण में योगदान के लिए देशभर से राम भक्तों से संपर्क किया जाएगा। अयोध्या आंदोलन कई हिंदुओं की आस्था और भावनाओं से जुड़ा था और परियोजना के शुरू होने पर उन्हें अपना काम करना होगा, जिसमें ‘कारसेवा’ भी शामिल है। बंसल ने बताया योजना की जानकारी जल्दी ही सामने आएगी। विहिप पदाधिकारी ने कार सेवा के दूसरे चरण का संकेत देते हुए बताया इसके अलावा विहिप का सुझाव है कि तीन महीने के अंदर गठित होने वाली ट्रस्ट को भक्तों की प्रतीकात्मक भागीदारी की सुविधा भी देनी चाहिए। इसके लिए देश के सभी 718 जिलों से भक्तों को एक हफ्ते के लिए यहां बुलाया जाएगा और उनसे निर्माण कार्य में सहायता ली जाएगी।
उल्लेखनीय है कि कारसेवा, विहिप के नेतृत्व वाले मंदिर आंदोलन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। इसके तहत लाखों की संख्या में कारसेवक 1990 और फिर 1992 में अयोध्या पहुंचे थे। इसके दूसरे चरण में ही बाबरी मस्जिद का विध्वंस हुआ था। विहिप पदाधिकारियों ने दिल्ली में क्राउड फंडिंग योजना की पुष्टि की। विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने बताया कि इस योजना के बारे में कोई अस्पष्टता नहीं है कि मंदिर के निर्माण के लिए दुनिया भर में मौजूद भगवान राम के भक्तों से सीधे क्राउंड फंडिंग की जाएगी। इसकी प्रक्रिया जल्द शुरु की जाएगी।
विहिप के बयानों से मालूम होता है कि मंदिर ट्रस्ट में इसका महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व होगा। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने विहिप समर्थित रामजन्मभूमि न्यास को मंदिर के निर्माण में भूमिका देने से इनकार किया है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि सरकार न्यास प्रमुख महंत नृत्यगोपाल दास समेत विहिप के दूसरे सदस्यों को ट्रस्ट में शामिल करना चाहती है।