एटा, हमीरपुर, बलिया और झांसी के जिला पंचायत राज अधिकारी निलंबित, कागजों पर थे शौचालय

लखनऊ, स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रदेश के चार जिलों में सिर्फ कागजों पर शौचालय बनाए गए है। खुद भारत सरकार की टीम द्वारा इन जिलों के ओडीएफ घोषित होने के बाद इनकी पड़ताल करने पर पाया गया कि ज्यादातर जगह शौचालय तक नहीं बने थे। इन जिलों के जिला पंचायत अधिकारियों को इस बारे में नोटिस भी दी गई, पर उन्होंने कोई सुधार नहीं किया। इसके बाद अब पंचायती राज विभाग ने एटा, हमीरपुर, बलिया और झांसी के जिला पंचायती राज अधिकारी (डीपीआरओ) को सस्पेंड कर दिया है। इसके साथ ही मंडल स्तर के अधिकारियों की एक जांच कमिटी भी गठित कर दी गई है, जो इन सभी की जांच कर रिपोर्ट देगी। दरअसल, इन जिलों को पहले से ही ओडीएफ (खुले में शौच से मुक्त) घोषित किया जा चुका था। कुछ दिन पूर्व ही बलिया के डीएम भवानी सिंह खरगौत ने जब पड़ताल की, तो पाया कि पूरे जिले में 84 करोड़ की धनराशि तो अभी बची हुई है। डीएम ने न केवल शौचालय निर्माण में लापरवाही पर नाराजगी जताई, बल्कि कहा कि यह धनराशि लाभार्थियों के खातों में जल्द से जल्द पहुंच जानी चाहिए।
इस बात पर डीएम खुद हैरान थे कि इन जिलों के डीपीआरओ ने यह रिपोर्ट शासन को भेज दी थी कि अब जिला पूरी तरह से खुले में शौच से मुक्त हो चुका है। कोई भी बाहर शौच करने के लिए नहीं जाता है। कई जिलों के ग्राम प्रधानों ने खुद डीएम के पास इसकी शिकायत की कि उनके गांव में पैसा तक नहीं पहुंचा। जिसके बाद जिला पंचायत अधिकारी शेषदेव को सस्पेंड करने का फैसला किया गया। बता दें कि एटा में पिछली साल 30 अक्टूबर को ही जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया गया था। इसी तरह हमीरपुर और झांसी में भी जिलों को ओडीएफ घोषित कर दिया गया और रिपोर्ट भेज दी गई कि जिले में शौचालय निर्माण का काम पूरा हो चुका है। इस संबंध में निदेशक पंचायती राज ब्रह्मदेव राम तिवारी बताते हैं कि जिलों में यह पड़ताल 2018-19 के वित्तीय वर्ष की हुई थी। सबकी पहले चरण की रिपोर्ट में यह बताया गया था कि जिले में शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है। सभी जिले ओडीएफ घोषित कर दिए गए। इसकी रिपोर्ट भी शासन को भेज दी गई।
इस बारे में जब विभाग ने इस रिपोर्ट का जमीन पर वेरिफिकेशन करवाया तो जांच में सामने आया कि घोषित शौचालयों में कई जगह गड़बड़ी है। कुछ गांव तो केवल कागजों पर ही बनाकर ओडीएफ घोषित कर दिए गए। बाद में एटा के जिला पंचायत अधिकारी रतन कुमार, हमीरपुर के जिला पंचायत अधिकारी दुर्गा प्रसाद, बलिया के जिला पंचायत राज अधिकारी शेषदेव और झांसी के जिला पंचायत अधिकारी अष्ट प्रसाद को नोटिस दिया गया। नोटिस के बावजूद इन डीपीआरओ ने कोई सुधार नहीं किया, जिसके बाद शासन ने इन्हें सस्पेंड करने का फैसला किया। पंचायती राज निदेशक ब्रह्मदेव राम तिवारी ने कहा कि इन सभी जिला पंचायत राज अधिकारियों (डीपीआरओ) को मौका दिया गया था, पर किसी ने भी सुधार नहीं किया। अब शासन ने एटा, बलिया, हमीरपुर और झांसी के डीपीआरओ को सस्पेंड करने का फैसला किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *