मेरठ, हापुड़, गाजियाबाद समेत यूपी के 8 शहर सर्वाधिक प्रदूषित लिस्ट में शामिल

लखनऊ, उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ते प्रदूषण से हड़कंप मच गया है। क्योंकि यूपी के कई शहरों में दिनभर धुंध की चादर छाई रही। इस दौरान लोग घर से निकलने के लिए बचते रहे। कई लोग मास्क लगातर घूमते नजर आए हैं। बताया गया ‎कि सरकार की स्वच्छता अभियान के तमाम कार्यक्रमों के बीच जमीनी सच ये है कि वर्तमान में देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में राज्य के आठ शहर शामिल हैं। ‎जिनमें मेरठ, हापुड़, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, नोएडा, बागपत, बुलंदशहर और कानपुर शामिल हैं। बताया जा रहा है ‎कि 488 एअर क्वालिटी इंडेक्स के चलते हापुड़ और मेरठ देश के सबसे प्रदूषित शहर बन गए हैं। वहीं 476 एक्यूआई के चलते गाजियाबाद प्रदेश का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर है। इसी क्रम चौथे नंबर पर 466 एक्यूआई के साथ ग्रेटर नोएडा है, जबकि बुलंदशहर 455 एक्यूआई के साथ पांचवे स्थान पर है। ग्रेटर नोएडा से ही सटा नोएडा में 454 एक्यूआई आया है और वह छठे नंबर पर है, इसी तरह 446 एक्यूआई के साथ बागपत देश का सातवां सबसे प्रदूषित शहर है। बताया जा रहा है ‎कि यूपी की पुरानी औद्योगिक नगरी कानपुर भी इस लिस्ट में शामिल है, जहां 433 एक्यूआई नोट ‎किया गया है और यह शहर देश का आठवां सबसे प्रदूषित शहर है। हरियाणा, यूपी और दिल्ली में एयर पलूशन अक्टूबर के दूसरे हफ्ते से बढ़ना शुरू हुआ लेकिन दिवाली के बाद यह बढ़कर काफी अधिक हो गया है। ‎जिसमें यूपी और हरियाणा के शहर शुरुआत से ही टॉप 10 शहरों में हैं। वहीं, यूपी के चार शहर पहली बार टॉप 10 की श्रेणी में आए जिनका एक्यूआई लेवल 400 पार हो गया है। इससे लोगों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हो रही हैं, खासकर दिल और फेफड़े के रोगियों के लिए प्रदूषित हवा में सांस लेना नुकसानदेह है। पर्यावरणविद वेंकटेश दत्ता ने बताया, “आने वाले दिनों में एयर क्वॉलिटी और खराब ही होगी क्योंकि सर्दियों में तापमान गिरेगा और पर्यावरण में नमी बढ़ेगी। ग्रीन कॉरिडोर की कमी और बरोक-टोक निर्माण कार्य एयर क्वॉलिटी खराब होने की मुख्य वजह है।”

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