…और कार्यक्रम में बिजली गुल होने पर मंत्री जी के फरमान पर बिजली कंपनी के दो अधिकारी निलंबित

उज्जैन, जिले के प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा एक कार्यक्रम को संबोधित करने मंच पर खडे हुए और बोलने के लिए माइक पकडा तो लाइट चली गई। थोडी देर बाद लाइट आई तो मंत्री जी ने बोलना शुरु किया, दो मिनट भी बोले नहीं कि फिर लाइट चली गई, मंत्री जी ने सिर पकड लिया। मंत्री का नाराजगी का असर यह हुआ कि कार्यक्रम समाप्त होने के घंटे भर के अंदर बिजली कंपनी के दो अफसर निलंबित हो गए। बड़े आयोजन में बिजली गुल होने की घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी रही। मामला नगर निगम की ओर से इंदौर रोड स्थित होटल इम्पीरियल में आयोजित मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत हुए निकाह सम्मेलन का है। सम्मेलन में 25 जोड़ों ने निकाह पढ़ एक-दूसरे के साथ जीवन बिताने का वचन दिया। नवदंपतियों को आशीर्वाद देने जिले के प्रभारी मंत्री सज्जनसिंह वर्मा पहुंचे थे। उन्होंने मंच से उठ जैसे ही डायस पर जाकर माइक से कुछ बोलना चाहा, लाइट चली गई। इससे वे नाराज हुए। प्रशासनिक अफसरों ने विद्युत के वैकल्पिक इंतजाम स्वरूप जनरेटर से लाइट चालू कराई। बिजली आई और फिर मंत्री ने डायस पर आकर माइक पर बोलना शुरू किया ही था कि 2 मिनट में फिर बत्ती गुल हो गई। इसके बाद मंत्री ने मंच पर ही गुस्से से सिर पकड लिया।
नगर निगम के सहायक आयुक्त सुबोध जैन ने बताया कि विवाह योजना अंतर्गत 48 हजार रुपए दुल्हन के बैंक खाते में जमा होंगे। 3 हजार रुपए सम्मेलन की तैयारी पर खर्च हो गए हैं। उधर अफसरों के निलंबन किए जाने की कार्रवाई का बिजली कर्मचारी संघ ने विरोध किया है। कर्मचारी नेता केशवलाल गुप्ता ने कहा है कि दीपावली के मद्देनजर विद्युत लाइन का संधारण कार्य चल रहा है। ऐसे में इस प्रकार की कार्रवाई अनुचित है। सूत्रों की माने तो कार्यक्रम संपन्न होने के घंटेभर बाद ही मप्र बिजली वितरण कंपनी के अधीक्षण यंत्री आशीष आचार्य ने इस लापरवाही के लिए उच्च दाब पूर्व शहर संभाग के सहायक यंत्री रविकांत मालवीय और वरिष्ठ परीक्षण सहायक विजयकुमार निगम को निलंबित कर दिया।

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