सरकारी कंपनियों बीपीसीएल, बीईएमएल और कॉनकोर का होगा निजीकरण प्लान किया जा रहा तैयार

नई दिल्ली, देश की प्रमुख सरकारी कंपनियों का निजीकरण होने जा रहा है। इसके लिए भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल), भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) और कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (कॉनकोर) इसमें शामिल हैं। केंद्र सरकार ने दिवाली से पहले इसका तैयार करने का लक्ष्य रखा है। साथ ही नई पॉलिसी के तहत नीति आयोग और विनिवेश व पब्लिक असेट मैनेजमेंट विभाग (दीपम) को नोडल विभाग बना दिया गया है।
दीपम की भूमिका बढऩे से मंत्रालयों की किसी तरह की कोई भूमिका नहीं रहेगी। दीपम, नीति आयोग के साथ मिलकर ऐसी कंपनियों को चिह्नित करेगा, जिसमें सरकार अपनी हिस्सेदारी घटा सकती है। वहीं, दीपम विभाग के सचिव विनिवेश के लिए बने अंतर-मंत्रालय समूह के उपाध्यक्ष बनाए गए हैं। केंद्र सरकार इसके अलावा टीएचडीसी और नीपको में अपनी हिस्सेदारी को एनटीपीसी को बेचने जा रही है। अधिकारियों के मुताबिक, जिन कंपनियों में सरकार अपनी हिस्सेदारी बेचेगी, उनकी दो चरणों में बोली लगेगी। पहले चरण में एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) मंगाया जाएगा और दूसरे चरण में वित्तीय बोलियां मांगी जाएंगी। पहले चरण के लिए सरकार इच्छुक कंपनियों के साथ बैठक और रोड शो भी करेगी। इस प्रक्रिया में 4 से 5 माह का समय लग सकता है।
एयर इंडिया के लिए ईओआई
इसके बाद सरकार एयर इंडिया के विनिवेश के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) का प्रारूप तैयार करेगी। इसके लिए गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बने मंत्रियों का समूह (जीओएम) एक पखवाड़े में फैसला लेगा। सरकार एयर इंडिया की 30 हजार करोड़ रुपए की उधारी को स्वयं वहन करेगी।
देश की प्रमुख तेल कंपनी बीपीसीएल
बीपीसीएल देश की प्रमुख तेल कंपनी है। इसका निजीकरण किया जाना देश में बड़े बदलाव वाली बात मानी जा रही है। बीपीसीएल की नेटवर्थ फिलहाल 55 हजार करोड़ रुपए है। अपनी पूरी 53.3 फीसदी बेचकर के सरकार का लक्ष्य 65 हजार करोड़ रुपए की उगाही करने का है। इसके लिए ससंद से भी मंजूरी नहीं लेनी पड़ेगी।

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