भोपाल नगर-निगम में भी थी श्वेता, मोनिका और आरती की पैठ, 20 घंटे में बदले एसआईटी चीफ

भोपाल, इंदौर नगर निमग के इंजीनियर से ब्लैकमेलिंग से शुरू हुई कहानी अब भोपाल नगर निगम तक पहुंच गई है। बताया जा रहा है कि श्वेता स्वप्निल जैन, मोनिका और आरती की निगम में खासी पैंठ थी। इन महिलाओं की नगर निगम के अधिकारी कर्मचारियों तक बहुत नजदीकियां थी। यह महिलाएं एक एनजीओ के लिए काम करती थीं। इस एनजीओ की प्रमुख भोपाल में पदस्थ रहे एक आईएएस की पत्नी का है। इस एनजीओ के बिल सबसे जल्दी पास हो जाते थे। मैडम के एनजीओ के लिए यह हुस्न की बालाएं अधिकरियों के चैंबर में घंटों प्रजेंटेशन दिया करती थीं। सूत्रों का यह भी दावा है कि नगर निगम में एडीसी रहे एक अधिकारी भी इन महिलाओं के जाल में फंसने के बाद बमुशकिल निकले थे। श्वेता का पति स्वप्निल भोपाल में पदस्थ रहे एक आईएएस का नजदीकी था। यह दोनों कॉलेज में जूनियर और सीनियर रहे हैं। स्वप्निल आईएएस की बहन का क्लासमेट था और उन्हीं के घर के पास में रहा करता था। इन्ही संबंधो का फायदा स्वप्निल ने उठाया था।
संकट पर सरकार भी चिंतित
इधर, ब्लैकमेेलिंग मामले की जांच पर सरकार भी सकते में है। कहा जा रहा है, कांग्रेस के कुछ विधायक भी इस मामले में लिपटे हुए हैं। ऐसे में इंदौर में जांच से जुड़े टीआई को हटाने के बाद अब सरकार ने अपने ही निर्णय को 20 घंटे के अंदर बदल लिया। जांच के लिए बनाई गई एसआईटी के मुखिया अब एडीजी इंटेलीजेंस संजीव शमी को बनाया गया है। शमी की टीम में इंदौर एसएसपी रुचिवर्धन मिश्रा को भी रखा गया है। इसमें एसपी, एएसपी, सीएसपी और इंस्पेक्टर स्तर के करीब 12 अफसरों को शामिल किया गया है। गौरतलब है कि हाईप्रोफाइल इस मामले की जांच के लिए सोमवार को डीजीपी ने एसआईटी का गठन किया था। इसका चीफ भोपाल के डीआईजी रह चुके आईजी सीआईडी डी श्रीनिवास वर्मा को बनाया गया था।
बार-बार बीमार हो रहीं आरोपी
मंगलवार को पूछताछ के दौरान मोनिका और आरती दयाल की तबीयत फिर खराब हो गई। आरती तो बेहोश हो गई। पुलिस दोनों को लेकर उपचार के लिए एमवाय अस्पताल पहुंची है।
महाराष्ट्र से हासिल किये करोड़ों के टेंडर
पुलिस के मुताबिक श्वेता स्वप्निल जैन ने महाराष्ट्र और आरती ने दिल्ली में करोड़ों के टेंडर हासिल किए थे। वहीं श्वेता विजय जैन लाइजनिंग का काम देखती थी।
स्पा सेंटर में गंदा खेल
इंदौर में आरती दयाल विजय नगर इलाके में एक बड़े स्पा से जुड़ी थीं। यहां सिर्फ रशियन और थाईलैंड की लड़कियां थी, इसलिए कई नेता-अफसर उससे जुड़ गए। शहर में कुछ साल पहले पदस्थ रहे एक बड़े पुलिस अफसर का भी इन्हें साथ मिला हुआ था। इससे पुलिस ने कभी यहां कार्रवाई नहीं की। एक प्रशासनिक अफसर के कहने पर भी पुलिस स्पा को नजरअंदाज करती थी। ्र
जपा सरकार में भ्रष्टाचार का नतीजा : दिग्विजय
हाई प्रोफाइल ब्लैकमेलिंग मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि एक आरोपी एक युवती भाजपा युवा मोर्चा की पदाधिकारी थी।उन्होंने कहा कि यह मामला दरअसल बीजेपी राज में बढ़े भ्रष्टाचार का नतीजा है।
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