मप्र में बाढ़ से बुरे हालात, 20 हजार लोग बेघर, 250 की मौत, गांव क्या शहर भी जलमग्न

भोपाल, मध्यप्रदेश में लगातार जारी भारी बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। लगभग पूरा राज्य भारी बारिश की चपेट में है। बारिश के चलते गांव क्या अब शहर भी पानी में डूबे नजर आ रहे हैं। करीब 20 हजार लोगों का घर पूरी तरह खराब हो गया है। उन्हें राहत शिविरों में रहना पड़ रहा है। मालवा में बारिश से हाल बेहाल है। राजधानी सहित पूरे प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के कारण अब तक ढाई सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। बारिश और बाढ़ के कारण हुई मौतों में सबसे ज्यादा नदी और तालाबों में डूबने से लोगों की जानें गई हैं। सबसे ज्यादा शहडोल में 41, मंदसौर में 21, रतलाम में 19, बड़वानी में 18, छिंदवाड़ा में 16, राजगढ़ में 12, विदिशा में 11, मंडला में 11 लोगों की मौत हुई है। इसी तरह से बारिश से 50 से ज्यादा लोग बुरी तरह घायल हुए हैं। इसके अलावा 619 पशुओं की भी मौत हुई है।
मंदसौर जिले में आफत की बारिश
सात दिनों से जारी बारिश ने मंदसौर जिले में आफत मचा दी है। यहां 36 घंटों में हुई 5 इंच बारिश से मल्हारगढ़ में बाढ़ जैसे हालात हो गए। अब तक जिले में 66 इंच बारिश हो चुकी है। जिले में बारिश अधिक होने से जिले में मल्हारगढ़-जीरन, पिपलयामंडी-मनासा, मंदसौर सीतामऊ सहित 20 से अधिक छोटे व बड़े मार्ग बंद रहे। मल्हारगढ़ क्षेत्र में भारी बारिश के चलते कई घरों व गांवों में पानी घुस गया जिससे प्रशासन ने 470 से ज्यादा लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया। इधर, शिवना नदी उफान पर होने से पशुपतिनाथ के गर्भगृह में पानी भर गया। इससे पशुपतिनाथ के नीचे के 4 मुख डूब गए।
गांधीसागर बांध के सभी 19 गेट खुले।
मंदसौर में भी भारी बारिश के चलते गांधी सागर बांध के सभी 19 गेट खोल दिए गए हैं। बांध से लगातार 3.33 लाख क्यूसेक पानी प्रति सेकंड छोड़ा जा रहा है। गांधीसागर के कार्यपालन यंत्री अरुणसिंह चौहान ने बताया कि बांध में 3 लाख 33 क्यूसेक पानी प्रति सेकंड आ रहा है और इतना ही गेटों से छोड़ा जा रहा है। बहाए जा रहे पानी की मात्रा इतनी है कि इससे डैम आधा भरा जा सकता है। बांध का लेवल 1311 फीट पर मेंटेन किया जा रहा है। क्षमता 1312 फीट है।
शाजापुर में दो की मौत
शनिवार को बेरछा के समीप ग्राम पलासीसोन निवासी विक्रमसिंह गुर्जर की नाले में और मो. बड़ोदिया निवासी रामबाबू की निपानिया डैम में डूबने से मौत हो गई।
विदिशा में दो लोग डूबे
अहमदपुर निवासी संतोष कुशवाह 5 साल के बेटे आर्यन और गांव के मनोज कुशवाह समेत शुक्रवार रात पीपहूंठा के पास नाले में बह गए। संतोष बच गया। मनोज का शव मिल गया लेकिन आर्यन का पता नहीं चल सका।
22 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने मध्यप्रदेश के पश्चिमी इलाकों में अति भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। मंदसौर की शिवना नदी पहले ही खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। पशुपति नाथ मंदिर भी पानी में डूब गया है। बाढ़ के हालात देखते हुए कई गांवों को खाली करा लिया गया है। मुरैना में चंबल नदी खतरे के निशान को पार कर गई। प्रदेश में अब तक के कोटे से 33 फीसदी ज्यादा बारिश हो चुकी है। अब सिर्फ 8 जिले ही ऐसे बचे हैं, जिनमें सामान्य से कम बारिश हुई है। अगले 24 घंटे में प्रदेश के 22 जिलों में कहीं-कहीं भारी और कहीं अति भारी बारिश हो सकती है।
10 लाख हेक्टेयर की फसल खराब
प्रदेश में लगातार हो रही बारिश की वजह से फसलों को बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचा है। प्रारंभिक अनुमानित आंकड़ों के मुताबिक खरीफ की 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की फसल खराब हुई हैं। सर्वे का आंकड़ा सामने आने के बाद यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सभी मंत्रियों को प्रभार के जिलों में सक्रिय रहने और किसानों के साथ खड़े होने की हिदायत दी। जिलों ने राजस्व विभाग को जो प्रारंभिक रिपोर्ट भेजी है, उसके मुताबिक छह से सात लाख हेक्टेयर रकबे में सोयाबीन, मूंग, उड़द और सब्जी की फसलें बर्बाद हो गई हैं। फसलें पानी में कई दिनों से डूबी हैं। मूंग, उड़द और सब्जियां तो गल चुकी है, वहीं सोयाबीन के पत्ते पीले पड़ गए हैं। कई जगह सोयाबीन में अफलन (फली न आने या दाना नहीं पडऩे) की शिकायतें मिली हैं।

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