नई दिल्ली, दो साल से टलते आ रहे जीएसटी के पहले सालाना रिटर्न और ऑडिट रिपोर्ट की फाइलिंग से छोटे कारोबारियों को निजात मिल सकती है। संभावना जताई जा रही है कि जीएसटी काउंसिल 20 सितंबर को होने वाली अपनी बैठक में पांच करोड़ रुपये से कम टर्नओवर वालों को वित्त वर्ष 2017-18 के लिए जीएसटीआर-9, जीएसटीआर-9ए और जीएसटीआर-9सी भरने से मुक्त कर सकती है। इससे करीब 85 प्रतिशत असेसीज को राहत मिलने की उम्मीद है, हालांकि इंडस्ट्री 2018-19 के लिए भी इसे खत्म करने की मांग कर रही है।
30 नवंबर तक बढ़ाई तक अंतिम तिथि
अब तक बेहद कम फाइलिंग के चलते सीबीआईसी ने हाल में आखिरी तारीख 30 नवंबर तक बढ़ा दी थी। हालांकि, ट्रेड-इंडस्ट्री शुरू से कहती आ रही है कि डेडलाइन बढ़ाने से फाइलिंग में तेजी नहीं आएगी, क्योंकि इसमें एडिट प्रोविजन नहीं होने से लोग पहले भरे जा चुके मंथली रिटर्न में दर्ज डेटा की मिसमैचिंग के डर से इसे नहीं भर रहे हैं। सरकार कम से कम छोटे कारोबारियों को पहले साल के सालाना रिटर्न से मुक्त करने का मन बना चुकी है, जिसका ऐलान काउंसिल की बैठक में हो सकता है। ट्रेड-इंडस्ट्री में भी इसे लेकर अटकलें जोरों पर हैं और टैक्सपेयर्स ने फाइलिंग पूरी तरह रोक दी है।
2018-19 के लिए सालाना रिटर्न का औचित्य नहीं
पीएचडी चैंबर की इनडायरेक्ट टैक्स कमेटी के चेयरमैन बिमल जैन ने बताया कि छोटे कारोबारियों को इससे मुक्त करना अच्छी पहल होगी, लेकिन ऐसा सिर्फ 2016-17 के लिए नहीं बल्कि 2018-19 के लिए भी होना चाहिए, क्योंकि दोनों वर्षों की दिक्कतें समान हैं।