बैटरी निर्माता कंपनी एवरेडी बिकने जा रही,1700 करोड़ में अमेरिकी कंपनी से डील हो रही

नई दिल्ली,भारत की प्रसिद्ध बैटरी निर्माता कंपनी एवरेडी शीघ्र ही बिकने वाली है। जानकारी के अनुसार इस कंपनी को अमेरिकी अरबपति वॉरेन बफे के मालिकाना हक वाली कंपनी बर्कशायर हैथवे की इकाई ड्यूरासेल इंक खरीदने जा रही है। ज्ञात हो कि यह कंपनी 100 साल पुरानी कंपनी है। फिलहाल दोनों कंपनियों में सहमति बन चुकी है। मामले से जुड़े लोगों ने कहा कि सौदा अंतिम चरण में हैं और जल्द ही इसकी औपचारिक घोषणा की जाएगी। एवरेडी को खरीदने को लेकर दो अमेरिकी कंपनियों बर्कशायर हैथवे और इनरजाइजर होल्डिंग्स के बीच कड़ा मुकाबला था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आखिरी बाजी वॉरेन बफे की कंपनी के हाथों लगी है। बफे की कंपनी इसे स्लंप सेल में करीब 1600-1700 करोड़ रुपए में खरीदने जा रही है। आयकर की धारा 1961 के सेक्शन 2 (42सी) के अनुसार स्लंप सेल से आशय ऐसी बिक्री से है जिसमें एकमुश्त कीमत के बदले एक से अधिक उपक्रमों का मालिकाना हक ट्रांसफर किया जाता है। इसमें किसी भी परिसंपत्ति या देनदारी का अलग-अलग मूल्यांकन नहीं किया जाता है।
मामले से जुड़े लोगों के अनुसार एस सौदे में एवरेडी की मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स, डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क और एवरेडी ब्रांड शामिल है। इससे पहले सौदे के लिए एरवेडी के मालिक खेतान परिवार की अमेरिकी कंपनी ड्यूरासेल के साथ-साथ एनरजाइजर से भी बात चल रही थी। जानकारों का मानना है कि इस सौदे से कंपनी को अपना कर्ज चुकाने में मदद मिलेगी। मालूम हो कि एवरेडी कंपनी पर करीब 700 करोड़ की देनदारी है। कंपनी पर यूको बैंक, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, आरबीएल, इंडसइंड बैक समेत अन्य स्रोतों द्वारा कर्ज लिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार एरवेडी हर साल 1.5 अरब बैटरी बनाती है इसके अलावा 20 लाख से अधिक फ्लैश लाइट का हर साल निर्माण करती है। कंपनी का सालाना राजस्व करीब 900 रुपए है। 100 साल पुरानी इस कंपनी का स्वामित्व 1905 से यूनियन कारबाइड इंडिया के पास था। ब्रिज मोहन खेतान ने बॉम्बे डाइंग के नुस्ली वाडिया से कारोबारी मुकाबले के बाद 1993 में 300 करोड़ रुपए में इसका स्वामित्व हासिल किया था।

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