छिंदवाड़ा, नई रेत की खदानों का सीमांकन भी हो गया। डीजीपीएस सर्वेक्षण भी करा लिया गया। इसकी अवस्थिति,राजस्व नक्शे में अक्षांश तथा देशांश सहित चिन्हित भी कियाजा चुकाहै । जिन विभागों से एनओसी ली जानी थी खनिज विभाग के निरीक्षकों ने एनओसी भी ले ली। नई 26 खदानों की फाइलें तैयार हो गई। और इसके साथ ही कुल 58 खदानों की सूची तैयार हुई । सात ग्रुपों में बनाकर इनके नीलामी का काम शुरू होगा। बचा हुआ है तो सिर्फ कलेक्टर की अनुमति हस्ताक्षर । उनके हस्ताक्षर के बाद नई खदानों की नीलामी का रास्ता भी साफ हो जाएगा। कलेक्टर द्वारा गठित समूह के भेजे गए प्रस्ताव को संचालक द्वारा अंतिम रूप दिया जाएगा। हालांकि राज्य शासन नई खदानों की नीलामी में कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहता है। बताया जा रहा है राज्य शासन के पास प्रस्ताव इसी महीने पहुंच जाएगा लेकिन शासन अगले माह तक नीलामी के लिए टेंडर जारी कर सकता है।
ग्रुपों में शामिल हैं पुरानी खदाने
नई 26 खदानों के साथ 32 पुरानी खदानों के साथ भी समूह बनाया गया है। खनिज विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जैसे ही पुरानी खदानों का अनुबंध समाप्त हो जाएगा। उन्हे नए अनुबंधकर्ता को हैंडओवर हो जाएगी।
तीन मीटर गहराई तक ही लेनी है रेत
घोषित रेत खदानों एवं वास्तविक गहराई जहां तक खदान में रेत उपलब्ध है उसमें अधिकतम तीन मीटर गहराई या भूजल स्तर जो भी कम हो, का गुणनफर ही उस रेत खदान की खनन योग्य मात्रा होगी। इतनी ही गहराई तक खनन की अनुमति वैधानिक होगी।