नई दिल्ली,सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी का 95 वर्ष की उम्र में रविवार को उनके आवास पर निधन हो गया है। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। जेठमलानी की गिनती देश के मशहूर आपराधिक वकीलों में होती थी। वह राष्ट्रीय जनता दल से वर्तमान में राज्यसभा सांसद थे। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कानून मंत्री का पदभार संभाला था। उन्होंने 17 साल की उम्र में ही वकालत की डिग्री हासिल कर ली थी। दो बार मुंबई लोकसभा सीट से भाजपा सांसद चुने गए। हालांकि 2004 में उन्होंने अटल बिहारी के खिलाफ चुनाव भी लड़ा था। उनका जन्म पाकिस्तान के सिंध प्रांत में 14 सितंबर 1923 को हुआ था। विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आ गया था। वह कोर्ट में बिना माइक के जिरह किया करते थे। वह अपने मुकदमों के अलावा अपने बयानों के कारण भी अक्सर चर्चा में रहते थे।
कई मशहूर केस लड़े
राम जेठमलानी ने कई मशहूर केस लड़े हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारों सतवंत सिंह और केहर सिंह के वकील के तौर पर पेश हुए थे। यही नहीं उन्होंने एम्स के डॉक्टर और इंदिरा गांधी के शव का पोस्टमार्टम करने वाले टीडी डोगरा द्वारा दिए गए मेडिकल प्रमाणों को भी चैलेंज किया था। हालांकि उनके इस केस पर कई लोगों ने आपत्ति जताई थी। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्यारों का मद्रास हाई कोर्ट में 2011 में केस लड़ा। स्टॉक मार्केट घोटाला केस में उन्होंने हर्षद मेहता और केतन पारेख का केस भी लड़ा। उनका सबसे विवादित केस अफजल गुरू की फांसी का बचाव करना था। बहुचर्चित जेसिकालाल हत्याकांड में उन्होंने मनु शर्मा का केस भी लड़ा था। साल 2010 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन का अध्यक्ष भी चुना गया था।
केंद्रीय मंत्री भी रहे
जेठमलानी अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय कानून मंत्री और शहरी विकास मंत्री भी रहे हैं। साल 2010 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन का अध्यक्ष भी चुना गया था। छठी और सातवीं लोकसभा में जेठमलानी भाजपा के टिकट पर मुंबई से सांसद भी चुने गए थे। साल 2004 में उन्होंने लखनऊ से अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ भी चुनाव लड़ा।