अशोकनगर अस्पताल को अब तक नहीं मिला शव वाहन,ऑटो से ले जाना पड़ रहा शव

अशोकनगर, कचरा वाहन में शव ले जाने के मामले में प्रदेश के सीएम तक की निगाहों में आ चुके अशोकनगर को अभी तक शव वाहन नहीं मिल सका हैं। हंगामे के बाद सांसद केपी यादव ने भी शव वाहन देने की घोषणा की थी, लेकिन वह भी अब तक नहीं मिल सका है। केवल एक शव वाहन होने से अब भी लोग ऑटो व अन्य किराय के वाहनों में शव ले जाने के लिए मजबूर हैं।
उल्लेखनीय है कि गुरूवार को सुबह महेन्द्र उर्फ धर्मेन्द्र (36) पुत्र रामा अहिरवार निवासी पीपलखेड़ा का शव कुएं में मिला था। काफी मशक्कत के बाद कुएं से उसका शव निकाला जा सका था। परिजनों ने बताया कि जिला अस्पताल में पीएम के बाद शव वाहन के लिए जब उन्होंने फोन लगाया तो पहले तो फोन लगा नहीं। दोबारा फोन लगाने पर जब बात हुई तो बताया गया कि वाहन दूसरी जगह गया है। जिसके बाद परिजनों को ऑटो बुलाना पड़ा। ऑटो वाले ने शव ले जाने के लिए 500 रुपए लिए। बाद में शव वाहन के चालक का फोन परिजनों के पास आया। लेकिन तब तक वे ऑटो बुलवा चुके थे। शव वाहन के चालक ने भी दूसरी जगह हाने की जानकारी दी। साथ ही उसने बताया कि वाहन खराब हो रहा है। नसीहर घाटी पर रात में उसका टायर भी फट गया था। वाहन के टायर पूरी तरह खराब हो चुके हैं।
अब तक नहीं मिला शव वाहन:
जुलाई माह में एक महिला का शव कचरा गाड़ी से लाया गया था। यह मामला सामने आने के बाद सीएम कमलनाथ ने भी इस पर ट्वीट किया था और व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश दिए थे। लेकिन अभी तक न तो अस्पताल को शव वाहन उपलब्ध करवाया गया है और न ही नपा के पास कोई शव वाहन है। जिसके कारण केवल एक शव वाहन के भरोसे ही लोग हैं। जो कई बार उपलब्ध नहीं हो पाता।
सांसद ने की थी घोषणा:
सांसद केपी यादव ने 25 जुलाई को शव वाहन देने की घोषणा की थी। लेकिन अभी तक उनके द्वारा भी शव वाहन के लिए राशि उपलब्ध नहीं करवाई गई है। सांसद ने सांसद निधि मिलते ही शव वाहन देने के लिए कहा था। वहीं प्रशासनिक स्तर पर भी इसको लेकर कोई कार्रवाई अब तक नहीं की गई है। जिला अस्पताल में कम से कम दो नए शव वाहनों की दरकार है।

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