पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर की पार्थिव देह पंचतत्व में विलीन

भोपाल,भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर की पार्थिव देह बुधवार को दोपहर पार्टी के प्रदेश कार्यालय पं. दीनदयाल उपाध्याय परिसर में कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों के दर्शनार्थ रखी गयी। पार्टी पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं एवं विभिन्न समाज संगठनों व धर्म गुरूओं ने गौर को श्रद्धासुमन अर्पित किए और उनके परिजनों को ढांढस बंधाया। तत्पश्चात् उनकी अंतिम यात्रा सुभाष नगर विश्राम घाट पहुंची जहां उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय से पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर का शव सुभाषनगर विश्राम घाट ले जाया गया, जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। सुभाषनगर विश्राम घाट पर प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्रसिंह तोमर, थावरचन्द गेहलोत, नित्यानंद राय, पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद राकेश सिंह, वरिष्ठ नेता एवं पूर्व राज्यपाल प्रो. कप्तानसिंह सोलंकी, पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं सांसद प्रभात झा, पूर्व राष्ट्रीय संगठन महामंत्री संजय जोशी, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, रामपाल सिंह, उमाशंकर गुप्ता, कमल पटेल, समाजवादी नेता रघु ठाकुर, प्रदेश सरकार की ओर से मंत्री पीसी शर्मा, अजय सिंह सहित भाजपा, कांग्रेस व अन्य दलों के वरिष्ठ नेताओं ने श्रद्धासुमन अर्पित किए।
वरिष्ठ नेताओं ने जताया शोक, दी श्रद्धांजलि
गौर के निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं गृह मंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित पार्टी के केन्द्रीय नेता एवं विभिन्न राजनैतिक दलों के प्रमुख नेताओं ने शोक संवेदनाएं व्यक्त की।

दलीय राजनीति से ऊपर सर्वमान्य नेता थे गौर

मुख्यमंत्री कमल नाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के निवास पहुँचकर उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प-चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके परिजनों को सांत्वना प्रदान की।

मुख्यमंत्री कमल नाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के निधन पर गहन दु:ख व्यक्त किया है। कमल नाथ ने शोक संदेश में कहा कि बाबूलाल गौर दलीय राजनीति से ऊपर प्रदेश के सर्वमान्य नेता थे। उन्हें प्रदेश के साथ भोपाल के विकास की चिंता हमेशा रहती थी। जब मैं केन्द्र में मंत्री था, तब वे कई बार मध्यप्रदेश के हितों को लेकर मेरे पास आते थे और कुछ न कुछ ले जाते थे।
नाथ ने कहा कि श्री गौर एक जुझारु और संघर्षशील नेता थे। जनता से उनका जीवंत सम्पर्क था। जनहित के मुद्दों पर वे कोई समझौता नहीं करते थे। एक बेबाक और स्पष्टवादी नेता थे। इसलिए कई बार वे पार्टी लाइन से हटकर अपने विचार व्यक्त करते थे। नाथ ने कहा कि श्री गौर सजग और संवदेनशील नेता होने के साथ-साथ संसदीय परम्पराओं और ज्ञान से भी पूरी तरह समृद्ध थे। उनका ध्यान हमेशा विकास योजनाओं पर रहा। उन्होंने अपनी पार्टी की विचारधारा को विकास के कामों से अलग रखा।

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